नई दिल्ली: देश भर में करोड़ों किसान 11वीं किस्त के पैसे मिलने के बाद लंबे समय से 12वीं किस्त का इंतजार कर रहे थे। आज उनका यह इंतजार भी खत्म हो गया। PM Modi ने सोमवार, 17 अक्टूबर को दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022 का उद्घाटन कर किसानों के लिए 16,000 करोड़ रुपए का पीएम किसान फंड जारी किया। उल्लेखनीय है कि देश भर में करोड़ों किसानों को दिवाली से पहले 12वीं किस्त की सौगात मिली है। किस्त के पैसे ट्रांसफर होने के बाद आप पीएम किसान योजना के पोर्टल पर विजिट करके अपना स्टेटस आसानी से चेक कर सकते हैं।
केवल इतना ही नहीं पीएम मोदी ने 600 पीएम किसान समृद्धि केंद्रों का भी शुभारंभ किया। साथ ही एग्री स्टार्टअप कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। इसके अंतर्गत लगभग 300 स्टार्टअप ने पहले दिन सुव्यवस्थित खेती, फसलोपरांत एवं मूल्यवर्धन समाधान, संबद्ध कृषि क्षेत्र, वेस्ट टू वेल्थ, छोटे किसानों के लिए यंत्रीकरण, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और कृषि-संभार तंत्र से संबंधित अपने नवाचार का प्रदर्शन किया। आइए अब जानते हैं कि पीएम-किसान सम्मान निधि योजना क्या है और अब तक किसानों को इस योजना से कितना लाभ प्राप्त हो चुका है-
क्या है पीएम-किसान सम्मान निधि योजना ?
‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ किसानों के लिए चलाई जा रही एक महत्वाकांक्षी स्कीम है। इसके अंतर्गत हर साल किसानों के खातों में तीन किस्त के रूप में दो-दो हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
कब शुरू की गई पीएम-किसान योजना ?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि यानि PM-किसान की शुरुआत पीएम मोदी द्वारा 24 फरवरी 2019 को की गई थी। इस योजना का लाभ आधुनिक डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हुए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण मोड के माध्यम से सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किया जाता है।
देश भर में अब तक किसानों को मिल चुका 2.16 लाख करोड़ रुपये का लाभ
पीएम-किसान के तहत योग्य किसान परिवारों को 11 किश्तों में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ दिया जा चुका था। इसमें से 1.6 लाख करोड़ रुपये कोविड महामारी के दौरान हस्तांतरित किए गए। 17 अक्टूबर को पीएम मोदी द्वारा जारी की गई 16,000 करोड़ रुपये की 12वीं किस्त के साथ अब पीएम-किसान योजना की लाभ हस्तांतरण राशि 2.16 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य देश में छोटे और सीमांत किसानों को उनके निवेश और अन्य जरूरतों के लिए एक सुनिश्चित आय सहायता सुनिश्चित करते हुए पूरक आय प्रदान करना है, जिससे उनकी जरूरतों को और विशेष रूप से फसल चक्र के पश्चात संभावित आय प्राप्त होने से पूर्व होने वाले संभावित खर्चों की पूर्ति सुनिश्चित हो सके। ये योजना किसानों को साहूकारों के चंगुल में पड़ने से भी बचाती है और खेती के कार्यकलापों में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करती है। इसके अलावा किसानों को अपनी कृषि पद्धतियों के आधुनिकीकरण के लिए सक्षम बनाती है और उनके लिए सम्मानजनक जीवन यापन का मार्ग प्रशस्त करती है।
कोविड काल में ये योजना बनी सबसे बड़ा सहारा
किसानों के लिए यह योजना कोविड महामारी में जीवनदायनी बनकर सामने आई थी। कोविड काल में इस पथप्रदर्शक योजना के शुभारंभ के बाद से, देश ने कृषि जगत में कई बड़ी उपलब्धियां भी हासिल की थीं। एक ओर जहां सरकार ने मुश्किल वक्त में किसानों को सपोर्ट किया तो वहीं देश के अन्नदाताओं ने भी कोविड काल में खाद्यान्न के उत्पादन में अप्रत्याशित बढ़ोतरी कर देश को मजबूत बनाने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
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5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मिल रही मदद
इस योजना के कारण ही किसानों को कोविड के दौरान अपने दैनिक खर्चों का प्रबंधन करने में सहायता मिली। उल्लेखनीय है कि सरकार कृषि क्षेत्र में तमाम सुधारों के जरिए देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसके लिए कृषि के बदलते स्वरूप और तकनीक के बारे में किसानों को अवगत कराया जा रहा है साथ ही वैज्ञानिक तरीके से खेती करने की नई-नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इससे देश के किसानों की आय बढ़ेगी और अन्नदाताओं की तरक्की के साथ देश की तरक्की भी हो सकेगी।