PM मोदी की गुजरात यात्रा LIVE: शक्तिपीठ पावागढ़ पहुंचे पीएम, कहा – ‘500 सालों के बाद महाकाली के शिखर पर ध्वजारोहण हो सका’

वडोदरा: आज सुबह माता हीराबा से मुलाकात के बाद PM मोदी Gujarat के पंचमहल जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पावागढ़ पहुंचे हैं। जहां मोदी ने महाकाली माता के दर्शन कर विकास कार्यों का उद्घाटन किया और फिर पूजा-अर्चना की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया।

इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा:

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मंदिर पर आक्रमण के 500 साल बाद तक महाकाली के शिखर पर ध्वज नहीं फहराया जा सका था, लेकिन आज से संभव हो गया हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज सदियों बाद महाकाली का मंदिर विशाल रूप में हमारे सामने हैं। नवरात्रि से पहले पावागढ़ शक्ति पीठ हमारे सामने दिव्य रूप से तैयार हैं। सदियां बदलती हैं, उम्र बदलती हैं लेकिन आस्था का शिखर शाश्वत रहता हैं। यह मैरा सौभाग्य हैं कि मुझे माताजी ने अपनी माताओं-बहनों की सतत सेवा करने का आशीर्वीद दिया। माताजी के शिखर पर ध्वजारोहण से पावागढ़ और पंचमहल की तपस्या आज पूरी हो गई हैं।

पावागढ़ सर्वधर्म समभाव का एक केंद्र:

उन्होंने आगे कहा कि पंचमहल के लोगों से मेरा आग्रह हैं कि बाहर से जो भी श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आएं, उनको आप अपने राज्य के अन्य पवित्र तीर्थस्थानों पर जाने के लिए अवश्य कहिएगा। पहले पावागढ़ की यात्रा इतनी कठिन थी कि लोग कहते थे कि जीवन में एक बार माता के दर्शन हो जाएं। आज यहां बढ़ रही सुविधाओं ने मुश्किल दर्शनों को सुलभ कर दिया हैं।

माताएं, बहनें, बुजुर्ग, बच्चे दिव्यांग हर कोई मां के चरणों में आकर उनका आशीर्वाद ले सकता हैं। पावागढ़ में आध्यात्म भी हैं, इतिहास भी हैं, प्रकृति भी हैं, कला-संस्कृति भी हैं। यहां एक ओर मां महाकाली का शक्तिपीठ हैं, तो दूसरी ओर जैन मंदिर की धरोहर भी हैं। यानी, पावागढ़ एक तरह से भारत की ऐतिहासिक विविधता के साथ सर्वधर्म समभाव का एक केंद्र रहा हैं।

Gujarat ने भारत की स्वतंत्रता में योगदान दिया:

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पीएम ने कहा कि गुजरात ने भारत की स्वतंत्रता और उसके विकास में योगदान दिया। स्वतंत्रता के समय, हम गुलामी और अन्याय से त्रस्त थे, हमने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी। भारत की सांस्कृतिक स्वतंत्रता का नेतृत्व सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया, क्योंकि उन्होंने सोमनाथ मंदिर का पुनर्विकास किया और भारत के विकास की नींव रखी।

500 साल पहले सुल्तान महमूद बेगड़ा ने नष्ट कर दिया था मंदिर:

मंदिर के न्यासी अशोक पांड्या ने बताया कि मंदिर के शिखर को करीब 500 साल पहले सुल्तान महमूद बेगड़ा ने नष्ट कर दिया था। हालांकि, पावागढ़ पहाड़ी पर 11वीं सदी में बने इस मंदिर के शिखर को पुनर्विकास योजना के तहत पुन: स्थापित कर दिया गया हैं। शनिवार को पीएम मोदी ने पुनर्विकसित महाकाली मंदिर का उद्घाटन किया।

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मंदिर के ऊपर पीर सदनशाह की दरगाह बना दी गई थी:

पांड्या ने बताया कि माना जाता हैं कि ऋषि विश्वमित्र ने पावागढ़ में देवी कालिका की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की थी। मंदिर के मूल शिखर को सुल्तान महमूद बेगड़ा ने 15वीं सदी में चम्पानेर पर किए गए हमले के दौरान ध्वस्त कर दिया था। उन्होंने बताया कि शिखर को ध्वस्त करने के कुछ समय बाद ही मंदिर के ऊपर पीर सदनशाह की दरगाह बना दी गई थी।

पांड्या ने बताया, ‘फताका फहराने के लिए खंभा या शिखर की जरूरत होती हैं। चूंकि मंदिर पर शिखर नहीं था, इसलिए इन वर्षों में फताका भी नहीं फहराई गई। जब कुछ साल पहले पुनर्विकास कार्य शुरू हुआ तो हमने दरगाह की देखरेख करने वालों से अनुरोध किया कि वे दरगाह को स्थानांतरित करने दें ताकि मंदिर के शिखर का पुन: निर्माण हो सके।’

गुजरात में मातृशक्ति योजना की शुरुआत:

मोदी शनिवार को पावागढ़ में महाकाली के दर्शन कर विरासत वन में लोगों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वडोदरा रवाना होंगे। वहां ‘गुजरात गौरव अभियान’ कार्यक्रम के अंतर्गत 21 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा लागत वाली विभिन्न विभागों की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इसी कार्यक्रम में वे ‘मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना’ (MMY) की शुरुआत करेंगे।

गुजरात सरकार ने महिला की गर्भावस्था से लेकर मातृत्व के पहले 1000 दिनों तक माता और शिशु दोनों को पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराने तथा उनकी पोषण स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना’ की घोषणा की हैं।

क्या हैं मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना:

महिला के गर्भकाल के 270 दिन और बच्चे के जन्म से 2 वर्ष तक के 730 दिन यानी कुल 1000 दिनों की अवधि को ‘फर्स्ट विंडो ऑफ अपॉर्चुनिटी’ कहा जाता हैं। इस समय के दौरान माता और बच्चे के पोषण स्तर को सुदृढ़ बनाना आवश्यक हैं। भारत सरकार के ‘पोषण अभियान’ के अंतर्गत माता और बच्चे के इन 1000 दिनों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया हैं।

दरअसल माता का खराब पोषण स्तर गर्भ में मौजूद बच्चे (भ्रूण) के विकास को बाधित करता हैं, जो आगे चलकर बच्चे के खराब स्वास्थ्य की वजह बनता हैं। गर्भवती माताओं में कुपोषण और एनीमिया बच्चे की वृद्धि और विकास पर गंभीर प्रभाव डालता हैं। इस योजना के तहत माता और बच्चे को स्वस्थ आहार मिलना सुनिश्चित किया जाएगा।

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