PMFME योजना ने पूरे किए 2 साल, देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में है मददगार

PMFME scheme completes 2 years, is helpful in speeding up the country's economy

नई दिल्ली। हमारे देश में खाद्य वस्तुएं बनाने वाले ऐसे बहुत से उद्योग हैं जो खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में कार्यरत हैं, लेकिन इन खाद्य उत्पादों का रखरखाव बहुत कठिन होता है। केवल इतना ही नहीं ये खाद्य उत्पाद बहुत जल्दी खराब होते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 29 जून, 2020 को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (PMFME) योजना की शुरुआत की गई। योजना के अंतर्गत छोटे खाद्य उत्पाद उद्योगों का विकास करना तथा एक जिला एक उत्पाद यानि ‘One District One Product’ के तहत योजना को बढ़ावा देना है। इस योजना को आज दो साल पूरे हो गए हैं। इसी के साथ देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य को पूरा करते हुए इस योजना से इस क्षेत्र के लिए अच्छे परिणाम सामने आए हैं।

क्या है PMFME योजना ?

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत शुरू किया गया, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (PMFME) योजना एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है, जिसका उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के मौजूदा छोटे उद्योग को बढ़ावा देना और इस सेक्टर का सुचारू रूप से प्रचार करना है। यह योजना किसानों, स्वयं सहायता समूहों और कृषि उत्पादकों के साथ सहकारी समितियों को सहायता प्रदान करती है। वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पांच साल की अवधि में 10,000 करोड़ रुपए के व्यय के साथ यह योजना सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम के विकास के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करने के लिए 2,00,000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे सहायता मुहैया कराएगी।

एक जिला एक उत्पाद (ODOP)

योजना के लिए ODOP मूल्य शृंखला विकास और समर्थन बुनियादी ढांंचे के संरेखण के लिए रूपरेखा प्रदान करेगा। एक जिले में ODOP उत्पादों के एक से अधिक समूह हो सकते हैं। एक राज्य में एक से अधिक निकटवर्ती जिलों को मिलाकर ODOP उत्पादों का एक समूह हो सकता है। राज्य मौजूदा समूहों और कच्चे माल की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए जिलों के लिए खाद्य उत्पादों की पहचान करेंगे। ओडीओपी में एक क्षेत्र में व्यापक रूप से उत्पादित तथा खराब होने वाली उपज या अनाज या खाद्य पदार्थ हो सकता है जैसे- आम, आलू, अचार, बाजरा आधारित उत्पाद, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन इत्यादि।

ऐसे करें आवेदन

केन्द्रीय सहायता प्राप्त करने के लिए मौजूद खाद्य प्रसंस्करण यूनिटें PMFME योजना में ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। PMFME Scheme में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग योजना के आधिकारिक वेब पोर्टल https://pmfme.mofpi.gov.in/ पर जाना होगा। योजना के आधिकारिक वेब पोर्टल पर जाने के बाद नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर आसानी से फॉर्म भर सकते हैं:

– पोर्टल पर जाने के बाद Login बटन लिंक पर क्लिक करें
– यूजर आईडी और पासवर्ड दर्ज कर पोर्टल पर लॉगिन हो जाएं
– Apply Online बटन पर क्लिक करें
– सभी जानकारी भर कर फॉर्म सब्मिट करें

आवेदन मिलने के बाद राज्य नोडल एजेंसी प्रस्ताव का मूल्यांकन कर खाद्य प्रसंस्करण उद्यम मंत्रालय को भेजा जाएगा। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद ऋण की मंजूरी हेतु बैंक को भेजा जाएगा। सारी प्रक्रियाओं के पूरा हो जाने के बाद सरकार अनुदान राशि सीधे आवेदक के बैंक खाते में ट्रांसफर करेगी। साझा इन्फ्रास्ट्रक्चर के सृजन हेतु सहायता का आवेदन करने हेतु भी इसी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।

35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ाने और इस क्षेत्र को औपचारिक रूप देने की कल्पना करते हुए, पीएमएफएमई योजना वर्तमान में 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है। योजना के तहत आवेदकों के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल (www.pmfme.mofpi.gov.in) के माध्यम से की जाती है। लगभग 50,000 आवेदकों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है और अब तक 25,000 से अधिक आवेदन सफलतापूर्वक जमा किए जा चुके हैं।

डिजिटल मानचित्र किया गया विकसित

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक जिला एक उत्पाद (ODOP) का विवरण प्रदान करने के लिए भारत का डिजिटल मानचित्र विकसित किया गया है। डिजिटल मैप में जनजातीय, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आकांक्षी जिलों और PMFME योजना के तहत स्वीकृत इनक्यूबेशन केंद्रों के इंडिकेटर्स भी हैं। योजना के तहत 75 इन्क्यूबेशन सेंटरों को मंजूरी दी गई है। मंत्रालय ने देशभर में ऊष्मायन केंद्रों के विवरण की सुविधा के लिए ऊष्मायन केंद्र प्रस्तावों और एक डिजिटल मानचित्र प्रस्तुत करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी विकसित किया है।

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