नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली में लॉकडाउन लगाने की सलाह के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने सोमवार को एफिडेविट दाखिल किया। इसमें दिल्ली सरकार ने कहा कि अगर प्रदूषण रोकने के लिए पूरे NCR में लॉकडाउन लगाया जाता है तो दिल्ली भी इसके लिए तैयार है।
हवा की दिशा में बदलाव के कारण दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार के बावजूद वह गंभीर से बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। स्मॉग की परत कल हल्की हो गई। दिल्ली-एनसीआर में अलग-अलग मानवीय गतिविधियों पर लगाई गई पाबंदियों से हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार नजर आया है।
NCR के सभी शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पिछले 24 घंटे के मुकाबले गंभीर श्रेणी से निकलकर बहुत खराब स्तर में पहुंच गया। यह थोड़ी राहत वाली खबर थी। बता दें कि गाजियाबाद का AQI सबसे ज्यादा 331 व सबसे कम गुरुग्राम का 287 देखा गया। वहीं, AQI के साथ दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब रही।
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प्रदूषण में कमी के बारे में सफर का कहना है कि ऊपरी लेवल पर उत्तर-पश्चिम से चलने वाली हवाओं की चाल कमजोर पड़ने से पड़ोसी प्रदेशों से पराली का धुआं दिल्ली नहीं पहुंच सका। 24 घंटे में पराली के धुएं का हिस्सा 31 प्रतिशत से गिरकर 12 प्रतिशत होने से दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण स्तर में सुधार आया है। हालांकि इस दौरान पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मामले 3,157 से बढ़कर 3,445 दर्ज किए गए। इस बीच हवा की चाल से सुधार से प्रदूषण तत्व फैल गए।
एजेंसियों का अनुमान है कि अगले दो दिनों में प्रदूषण स्तर में बड़ा बदलाव नहीं होगा। वायु गुणवत्ता बेहद खराब व गंभीर स्तर के बीच बनी रहेगी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार दो दिनों से गंभीर स्तर की गुणवत्ता में सांस ले रहे फरीदाबाद और गुरुग्राम के लोगों को बड़ी राहत मिली। 100 से भी अधिक अंकों के सुधार के साथ दोनों शहरों की हवा खराब स्तर पर पहुंच गई।