RBI: कार और होम लोन फिर होंगे महंगे, रेपो रेट में 0.25 फीसदी का इजाफा

RBI: Car and home loans will again be expensive

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्ब बैंक (RBI) ने बुधवार को मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर नीतिगत दर रेपो में इजाफा कर दिया है। रेपो दर वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इसमें बढ़ोत्तरी का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (EMI) बढ़ेगी। आरबीआई का कहना है कि महंगाई को काबू में लाने के मकसद से यह कदम उठाया गया है। आइये जानते हैं कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी कॉन्फ्रेंस के दौरान क्या-क्या बड़ी बातें कहीं-

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर रेपो को 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.50 फीसदी करने का निर्णय किया है।

RBI गवर्नर ने मौजूदा हालात में रेपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि को उचित बताया। मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया।

RBI: Car and home loans will again be expensive

मौद्रिक नीति समिति उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में है। वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति अब इतनी कमजोर नहीं दिख रही है। मुद्रास्फीति नीचे आ रही है।

कमजोर वैश्विक मांग, मौजूदा आर्थिक माहौल घरेलू वृद्धि को प्रभावित कर सकता है। वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 07 फीसदी रहने का अनुमान है।

खुदरा मुद्रास्फीति चौथी तिमाही में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान। अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहेगी।

चालू वित्त वर्ष में खुदरा 6.5 प्रतिशत पर रहेगी। अगले वित्त वर्ष में यह घटकर 5.3 फीसदी पर आ जाएगी।

बीते वर्ष और इस वर्ष अभी तक अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में रुपये में कम उतार-चढ़ाव हो रहा है।

रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की घोषणा के बाद यह 6.50 फीसदी हो गई है। इससे पहले इस स्तर पर यह एक अगस्त 2018 को थी।

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