लखनऊ: कानपुर चिड़ियाघर में आरिफ और सारस की मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हर कोई यूपी सरकार से सारस लौटाने की विनती करने लगा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद अब बीजेपी के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने योगी सरकार से आरिफ को सारस लौटाने की अपील की है।
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट करके कहा कि सारस और आरिफ की कहानी खास है! एक दूसरे को सामने पा कर इन दोनों दोस्तों की ख़ुशी बता रही है कि इनका प्रेम कितना निश्छल और पवित्र है। यह खूबसूरत जीव स्वच्छंद आकाश में उड़ने के लिए बना है, पिंजरे में रहने के लिये नहीं। उसे उसका आसमान, उसकी आजादी और उसका मित्र वापिस लौटा दीजिए।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरिफ और सारस का वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि जो लोग समझते हैं नफ़रत भर देंगे दिलों में, उन्हें नहीं पता मोहब्बत क़ुदरती होती है और क़ुदरत के ख़िलाफ़ जाने वाले कहां कभी कामयाब होते हैं। अखिलेश यादव ने ही कई मंचों पर आरिफ और सारस की दोस्ती टूटने के मुद्दे को गंभीरता से उठाया है।
उल्लेखनीय है कि आरिफ अपने सारस दोस्त से मिलने मंगलवार को कानपुर चिड़ियाघर पहुंचे थे। सारस का क्वारंटीन पीरियड खत्म होने के बाद आरिफ को चिड़ियाघर में जाने की इजाजत दी गई थी। जैसे ही आरिफ आज बाड़े के पास पहुंचे तो सारस खुशी से चहकने लगा। वह बेचैन दिखा, आरिफ ने सारस को उड़ने के लिए कहा तो वह बाड़े के अंदर ही उड़ने लगा।
आरिफ और सारस के बीच कुछ मिनट की मुलाकात कराई गई. जैसे ही सारस ने आरिफ को देखा वह अपनी गर्दन को हिलाते हुए और चोंच निकालते हुए अपने पंख को फड़फड़ाने लगा और बेचैन होकर इधर-उधर जाने लगा.., मानो की आरिफ से मिलने की खुशी जाहिर कर रहा था। आरिफ को सारस के पास जाने की मनाही थी।
इस दौरान आरिफ का कहना था कि सारस मिलने के लिए तड़प रहा था लेकिन प्रोटोकॉल के चलते वहां नहीं जा सकते थे। आरिफ चाहते हैं कि सारस को किसी भी पक्षी विहार में छोड़ दिया जाए। आरिफ के साथ मौजूद सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा किं सारस और आरिफ का आपसी लगाव देखकर उनकी आंखें छलक आई।
कैसे बना आरिफ का दोस्त सारस?
मालूम हो कि अमेठी के आरिफ खान गुर्जर ने घायल सारस की देखभाल की थी, जिसके बाद आरिफ के साथ सारस रहने लगा था. सारस महीनों तक अमेठी के मांडखा गांव में आरिफ के साथ ‘परिवार के सदस्य’ की तरह रहा. इसी बीच अखिलेश यादव भी अमेठी पहुंचे और आरिफ-सारस से मिले थे। इसके बाद वन विभाग की टीम सक्रिय हुई और कार्रवाई शुरू हुई।
वन अधिकारियों ने आरिफ से सारस को लेकर रायबरेली के समसपुर पक्षी अभयारण्य में पहुंचा दिया। अफसरों ने कहा था कि ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि सारस अपने ‘प्राकृतिक वातावरण’ में रह सके। रायबरेली के बाद सारस को कानपुर के चिड़ियाघर में पहुंचा दिया गया था। कानपुर के चिड़ियाघर में सारस को 15 दिन के लिए क्वारंटीन में रखा गया था।