मुंबई: साकीनाका बलात्कार और क्रूरता को राष्ट्रीय महिला आयोग ने गंभीरता से लेते हुए संज्ञान में लिया है। महिला आयोग ने साकीनाका बलात्कार प्रकरण पर कहा कि पूरे देश के हर राज्य में एक राज्य महिला आयोग है लेकिन महाराष्ट्र में पिछले 02 साल से राज्य महिला आयोग की नियुक्ति नहीं हुई है।
मौजूदा समय में गणेशोत्सव के पहले ही दिन 10 सितंबर को मुंबई के खैरानी रोड साकीनाका में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना हुई। महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित महानगर माने जाने वाली मुंबई में 32 वर्षीय महिला से रेप किया और इससे भी उसका जी नहीं भरा तो उसने उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दिया। दूसरी रात महिला ने दर्द और पीड़ा से तड़पते हुए दम तोड़ दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। साकीनाका रेप केस के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम मुंबई पहुंच गई है। महिला आयोग के सदस्यों ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की है।
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आयोग के सदस्यों ने इस बारे में कहा- ‘हमने पीड़ित के परिवार से मुलाकात की है। घटना की सूचना पुलिस ने दी है। उसका इलाज करने वाले डॉक्टर का जवाब दर्ज किया जाएगा। उसके बाद हम वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी मिलेंगे और विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे। उसके बाद इस मामले में आगे का निर्णय लिया जाएगा।
अलग-अलग क्षेत्रों में घट चुकी हैं कई घटनाएं
महिला आयोग ने आगे कहा कि मुंबई में जहां गणेशोत्व चल रहा है, वहीं आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं। आरोपी किसी से नहीं डरते। आरोपी डरते तो उस रात ऐसी घटना नहीं होती। पिछले कुछ दिनों में ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। एक सप्ताह में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बलात्कार की कई घटनाएं हुई हैं। इसका कारण राज्य सरकार की लापरवाही है। ये घटनाएं इसलिए हुई हैं क्योंकि कानून-व्यवस्था की स्थिति सरकार के नियंत्रण में नहीं है।’
दो साल से राज्य महिला आयोग की नियुक्ति नहीं
देश के हर राज्य में एक राज्य महिला आयोग है। लेकिन महाराष्ट्र में पिछले 02 साल से राज्य महिला आयोग की नियुक्ति नहीं हुई है। ऐसे में कोई भी पीड़ित महिला मदद के लिए राज्य महिला आयोग के पास नहीं जा सकती। यहां ऐसी कोई संस्था नहीं है, जहां महिलाएं अपना पक्ष रख सकें।
महिला आयोग की तल्ख टिप्पणी
इस बारे में हैरानी जताते हुए आयोग के एक सदस्य ने कहा कि मुझे समझ में नहीं आता कि यह सरकार इतनी असंवेदनहीन क्यों है कि उसने महिला आयोग का गठन तक नहीं किया है। अगर ऐसा होता तो महिलाओं को न्याय मिलता। चूंकि महाराष्ट्र में कोई राज्य महिला आयोग नहीं है, इसलिए हमें समय-समय पर पुलिस की मदद लेनी पड़ती है। महिलाओं के प्रति संवेदनशील होने का दावा करने वाली महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से असंवेदनशील है। राज्य सरकार को इस संबंध में जवाब देना चाहिए।