भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के प्रेसिडेंट Sourav Ganguly आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारत के सबसे सफल कप्तानों में शुमार गांगुली ने 2000 में टीम की कप्तानी संभाली थी। कप्तान बनने के बाद उन्होंने टीम इंडिया को विदेशी पिचों पर जीतना सिखाया था। उन्होंने एक अंडरकॉन्फिडेंट टीम इंडिया की कमान संभाली और उसे ऊंचाइयों तक पहुंचाया था।
गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में हुआ था। आईए आपको उनके जन्मदिन पर उनकी कप्तानी में भारत को मिले 3 सबसे यादगार पल की कहानी बताते हैं….
- पाकिस्तान में वनडे और टेस्ट सीरीज में जीत
2004 में टीम इंडिया पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। यहां उन्हें 3 टेस्ट और 5 वनडे की सीरीज खेलनी थी। यह भारत का 15 साल में पहला पाकिस्तान दौरा था। पॉलिटिकल टेंशन के कारण 1989 के बाद टीम इंडिया पाकिस्तान खेलने नहीं गई थी। इस सीरीज को गांगुली की कप्तानी में टीम ने 2-1 से टेस्ट सीरीज और 3-2 से वनडे सीरीज अपने नाम की। चोट की वजह से गांगुली पहले 2 टेस्ट नहीं खेल पाए थे। तीसरे टेस्ट में गांगुली ने वापसी की और इस मैच को टीम इंडिया ने जीता था।
कराची में खेले गए पहले वनडे में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 349 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तान की टीम 8 विकेट पर 344 रन ही बना सकी। आखिरी बॉल पर पाकिस्तान को ड्रॉ के लिए 6 रन चाहिए थे, पर टीम 1 रन ही बना सकी। अगले 2 मैच पाकिस्तान ने अपने नाम किए। भारत को सीरीज बचाने के लिए चौथे वनडे में जीत जरूरी थी।
चौथे वनडे में पाकिस्तान ने 294 रन का टारगेट दिया। जवाब में टीम इंडिया ने 92 रन पर 4 विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद राहुल द्रविड़ और कैफ ने 132 रन की नाबाद साझेदारी कर भारतीय टीम को जीत दिलाई। पांचवें वनडे में वीवीएस लक्ष्मण की सेंचुरी की बदौलत भारत ने 294 रन का टारगेट दिया।
इरफान पठान ने पाकिस्तान को शुरुआती झटके दिए और 3 विकेट लिया। इसके बाद लक्ष्मीपति बालाजी ने 3 और विकेट लेकर पाकिस्तान की पारी को समेट दिया। भारत ने 40 रन से मैच जीता और सीरीज पर भी कब्जा किया।
वीरेंद्र सहवाग ने मुल्तान में हुए पहले टेस्ट में 309 रन की पारी खेली और भारत ने 1-0 से टेस्ट सीरीज में लीड हासिल की। दूसरे टेस्ट में युवराज ने सेंचुरी लगाई, पर भारत यह मैच नहीं जीत पाया। तीसरे टेस्ट में गांगुली ने टीम में वापसी की और टीम को शानदार जीत मिली। द्रविड़ ने मैच में 270 रन की शानदार पारी खेली और टीम ने पाकिस्तान को तीसरे टेस्ट में पारी और 121 रन से हराया और 2-1 से टेस्ट सीरीज अपने नाम की।
- 2003 वर्ल्ड कप, साउथ अफ्रीका:
2003 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया 1983 के बाद पहली बार फाइनल में पहुंची थी। टूर्नामेंट के दूसरे मैच में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इस मैच के बाद गांगुली की टीम ने साउथ अफ्रीका में तहलका मचा दिया।
भारत ने लगातार 8 मैच जीते। सुपर-6 में भारत ने न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हराया। सेमीफाइनल में भारत ने केन्या को हराकर फाइनल में जगह पक्की की। फाइनल में भारत के सामने ऑस्ट्रेलियाई टीम थी। भारतीय गेंदबाजी खराब रही और कंगारू टीम ने 50 ओवर में 359 रन बनाए। इसके जवाब में भारत ने 59 रन पर 3 विकेट गंवा दिए थे। सहवाग और द्रविड़ ने हालांकि पारी संभालने की कोशिश की। पर भारत यह मैच 125 रन से हार गया।
- 2002 नेटवेस्ट सीरीज, इंग्लैंड:
टीम इंडिया 2002 में 6 साल बाद इंग्लैंड दौरे पर गई थी। भारत को इंग्लैंड और श्रीलंका के साथ त्रिकोणीय सीरीज खेलनी थी। भारत ने अपने कैंपेन की शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ जीत से की। 272 रन को चेज करते हुए टीम इंडिया ने 6 विकेट से जीत हासिल की। नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल तक के सफर में भारत को सिर्फ एक हार इंग्लैंड के खिलाफ ही मिली।
फाइनल में एक बार फिर भारत और इंग्लैंड की टीम आमने-सामने थी। लॉर्ड्स में इंग्लैंड ने पहले बैटिंग करते हुए 325 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया। टारगेट चेज करने उतरी टीम इंडिया को गांगुली और सहवाग ने शानदार शुरुआत दिलाई। एक समय टीम का स्कोर बिना विकेट खोए 106 रन था। इसके बाद भारत ने 39 रन के अंदर 5 विकेट गंवा दिए। टीम को 5 झटके लगने के बाद क्रीज पर युवा युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ थे।
दोनों ने मैच में धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए भारत को कमबैक करवाया। दोनों ने छठे विकेट के लिए 121 रन की साझेदारी की। आखिरी ओवर में भारत को जीत के लिए 2 रन चाहिए थे। क्रीज पर कैफ और जहीर खान मौजूद थे। ओवर की तीसरी गेंद पर 2 रन बनाकर भारत ने 2 विकेट से मैच जीत लिया।