स्पाइसजेट पर साइबर अटैक: घंटों की देरी से उड़ीं कई फ्लाइट, पिछले हफ्ते पेमेंट विवाद के चलते दिल्ली में रोके गए थे प्लेननई

Spicejet

नई दिल्ली: Spicejet के सिस्टम पर मंगलवार, 24 मई की रात को रैनसमवेयर का अटैक हुआ। इससे उसकी उड़ानों से रिलेटेड ऑपरेशन सुस्त पड़ गए और सुबह की कई उड़ानें प्रभावित हुईं। एयरलाइन ने बुधवार को ट्विटर के जरिये यह जानकारी दी हैं।

स्पाइसजेट के मुताबिक स्पाइसजेट के सिस्टम में बीती रात रैनसमवेयर अटैक की कोशिश हुई हैं और इससे आज सुबह की कुछ फ्लाइट्स लेट हो गईं। हमारी IT टीम स्थिति को कंट्रोल और ठीक कर लिया हैं। अब उड़ानें नॉर्मल रूप से चल रही हैं।

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पिछले हफ्ते भी Spicejet फ्लाइट दिल्ली में रोकी गई:

पिछले हफ्ते भी स्पाइसजेट फ्लाइट को दिल्ली में रोका गया था, इसके पीछे की वजह एविएशन कंपनी का एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पेमेंट नहीं करना बताया गया था। एयरलाइंस के प्रवक्ता ने कहा था कि सॉफ्टवेयर में टेक्निकल खराबी से डेली होने वाले पेमेंट में देरी हो गई थी। इसके बाद ऑपरेशन नॉर्मल हो गया था। AAI ने 2020 में स्पाइसजेट को कैश एंड कैरी के आधार पर प्लेन के ऑपरेशन की अनुमति दी हैं, क्योंकि एयरलाइन अपनी पुराने बकाया का पेमेंट समय पर नहीं कर पा रही थी।

जल्द फ्लाइट में ब्रॉडबैंड शुरू करने का दावा:

कुछ दिन पहले ही स्पाइस जेट ने बताया था कि उसे अपने प्लेन्स में जल्द ही ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा शुरू होने की उम्मीद हैं। उसकी वेबसाइट के मुताबिक, एविएशन कंपनी के फ्लीट में 91 एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें 13 मैक्सप्लेन और 46 पुराने वर्जन के बोइंग 737 एयरक्राफ्ट हैं।

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क्रेडिट सुइस से विवाद का भी निपटारा हुआ:

स्पाइसजेट ने बुधवार को कहा कि उसने स्विटजरलैंड की कंपनी क्रेडिट सुइस के साथ चल रहे विवाद में समझौता और सहमति शर्तों पर हस्ताक्षर किए हैं और निष्कर्ष निकाला हैं। एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि 23 मई को हुए समझौते और सहमति की शर्तों को भी अंतिम आदेश के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर किया गया था।

स्पाइसजेट ने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी हैं, लेकिन यह जरूर बताया कि सुलह करने के लिए उसने एक निश्चित अमाउंट का एडवांस पेमेंट और आपसी सहमति से एक पूरा पेमेंट करने की टाइमलाइन बना ली हैं। एयरलाइन ने कहा कि उसने इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के हिसाब से पहले ही 50 लाख अमेरिकी डॉलर की बैंक गारंटी मुहैया करा दी हैं और अब कंपनी पर कोई फाइनेंशियल लायबिलिटी नहीं हैं।

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