श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया प्रेसिडेंट हाउस छोड़कर भागे, झड़प में 100 से ज्यादा घायल

Sri Lankan President Gotabaya flees President's house

कोलंबो: श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच आंदोलनकारियों ने President गोटाबाया राजपक्षे के सरकारी आवास पर कब्जा कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स में राजपक्षे के देश छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ लंबे वक्त से ‘Gota Go Gama’ और ‘Gota Go Home’ आंदोलन जारी हैं।

सिंहली भाषा में गामा का मतलब गांव होता हैं। प्रदर्शनकारी एक जगह जमा होकर तंबू लगाते हैं और गाड़ियों के हार्न बजाते हुए राष्ट्रपति और सरकार के खिलाफ गोटा-गो-गामा का नारा बुलंद करते हैं। इनका मकसद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर करना था।

श्रीलंका संकट से जुड़े बड़े अपडेट्स:

श्रीलंका पीपुल फ्रंट के 16 सांसदों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से तुरंत इस्तीफा देने की अपील की हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए हवाई फायर किए हैं।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्पीकर से संसद बुलाने का भी अनुरोध किया।

President

प्रर्दशनकारियों का जत्था गॉल में चल रहे ऑस्ट्रेलिया-श्रीलंका मैच के स्टेडियम के बाहर तक पहुंच गया हैं। पूर्व लंकाई क्रिकेटर सनथ जयसूर्या भी प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हैं। वहीं, राजधानी कोलंबो में आंदोलन उग्र हो गया हैं। पुलिस के साथ झड़प में 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बिगड़ते हालात को लेकर प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई हैं।

गैस की कमी से लोग घरों में लकड़ी का चूल्हा जलाने को मजबूर:

केमिकल फर्टिलाइजर पर बैन के चलते देश में खाद्य संकट पैदा हो गया हैं। गैस की कमी के कारण लोग घरों में चूल्हा जला रहे हैं। श्रीलंका के मध्यमवर्गीय परिवारों ने भी अपने भोजन की खपत को कम कर दिया हैं, क्योंकि वे इतनी महंगी खाद्य सामग्री लेने से कतरा रहे हैं।

मई में जो महंगाई 39.1% थी, वो जून में बढ़कर 54.6% हो गई हैं। अगर सिर्फ खाद्य महंगाई को देखें तो मई में जो 57.4% थी, वो जून में बढ़कर 80.1% हो गई हैं।

आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक संकट:

श्रीलंका में लोगों को रोजमर्रा से जुड़ी चीजें भी नहीं मिल पा रही हैं या कई गुना महंगी मिल रही हैं। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका हैं, जिससे वो जरूरी चीजों का भी आयात नहीं कर पा रहा हैं। सबसे ज्यादा ईंधन की कमी हैं। पेट्रोल-डीजल पर कई किलोमीटर लंबी लाइनें हैं। विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

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