नई दिल्ली: मार्वल स्टूडियोज की नई पेशकश फिल्म ‘Thor Love and Thunder’ मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की कहानी को 29वीं फिल्म तक लेकर आ गई हैं। मार्वल स्टूडियोज की नई पेशकश फिल्म ‘थॉर: लव एंड थंडर’ मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की कहानी को 29वीं फिल्म तक लेकर आ गई हैं।
एक काल्पनिक लोक असगार्ड के देवता थॉर की जो कहानी कभी स्टैन ली ने कॉमिक्स के हिसाब से सोची, वह लैरी लीबर और जैक किर्बी जैसे उनकी विरासत संभालने वाले लेखकों ने और विस्तारित ही की हैं। सिनेमा और साहित्य का रिश्ता पुराना भी हैं और अटूट भी। खासतौर से बच्चों और बड़ों में समान रूप से लोकप्रिय कॉमिक्स की दुनिया को परदे पर उतारने का जैसा सपना मार्वल स्टूडियोज के मालिक केविन फाइगी ने देखा, उसे हकीकत में बदला और उसे पूरी दुनिया तक पहुंचाया, उसकी शुरुआती कहानियां एक सफल कारोबार साम्राज्य खड़ा करने की अपने आप में एक अलग फिल्म हैं। सिर्फ थॉर के किरदार की बात करें तो इस किरदार का मार्वल कॉमिक्स में प्रवेश 1962 में ‘जर्नी इनटू मिस्ट्री’ नामक कॉमिक बुक से होता हैं। परदे पर ये किरदार 2011 में अवतरित हुआ। टीम एवेंजर्स का हिस्सा बना। और, गार्जियन्स ऑफ गैलेक्सी के साथ मिलकर कुछ अलग करने का वादा करके पिछली फिल्म में विदा लेने वाला थॉर अब अपने सबसे अतरंगी रूप में लौटा हैं।
कॉमेडी से सराबोर थॉर की कहानी:
फिल्म ‘थॉर: लव एंड थंडर’ बहुत ही अतरंगी फिल्म हैं। थोड़ा सरल ढंग से समझना हो तो इस तरह समझिए कि अगर गोविंदा या वरुण धवन जैसे कलाकार को सुपरहीरो बना दिया जाए और उनकी कुदरती आदतें न बदली जाएं, वैसा। इस किरदार को निभाने वाले क्रिस हेम्सवर्थ ने बीते 11 साल में इस किरदार के साथ साथ जो यात्रा की हैं, उसका असर दोनों पर दिखता हैं। क्रिस हेम्सवर्थ अब तक आठ बार थॉर का किरदार निभाते मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स में दिख चुके हैं। सोलो हीरो के तौर फिल्म ‘थॉर: लव एंड थंडर’ उनकी चौथी फिल्म हैं। शुरुआती दौर का थॉर जहां बहुत ही उद्दंड और मनमौजी था, निर्देशक टाइका वाइटीटी के मार्वल स्टूडियोज पहुंचने के बाद ‘थॉर: रैग्नारॉक’ में उन्होंने क्रिस के साथ मिलकर जैसा थॉर बनाने की कोशिश शुरू की थी, उसका असल परिणाम अब फिल्म ‘थॉर: लव एंड थंडर’ में सामने आया हैं।
भगवान के खिलाफ खड़ा ताकतवर शैतान:
‘एवेंजर्स’ सीरीज की फिल्मों का खास हिस्सा रहा थॉर जब ब्लिप के बाद अपना कामकाज वलकाइरी को सौंप गार्जियन्स ऑफ गैलेक्सी के साथ निकल पड़ता है तभी से इस किरदार की अगली सोलो फिल्म को लेकर संभावनाएं और आशंकाएं एमसीयू फैंस के मन में घुमड़ने लगी थीं। फिल्म ‘थॉर: लव एंड थंडर’ देखकर समझ आता हैं कि ये गलत भी नहीं थीं। निर्देशक टाइका वाइटीटी बहुत ही मस्तमौला इंसान हैं। शूटिंग पर वह तय स्क्रिप्ट के साथ तो पहुंचते हैं लेकिन अपने कलाकारों को इसे अपने हिसाब से करने की पूरी छूट भी देते हैं। सृजन में अनुशासन कितना जरूरी हैं, वह इस फिल्म को देखकर समझा जा सकता हैं। फिल्म ‘थॉर: लव एंड थंडर’ का डीएनए इसे वहां ले जाता हैं जहां ईश्वर का एक पुजारी अपने निजी नुकसान का बदला लेने के लिए भगवान के विरुद्ध हो जाता हैं। शुरू के ये दृश्य दर्शकों को सिहरा देते हैं। मामला उम्मीदों भरा दिखने लगता हैं लेकिन, इस पूरी फिल्म में बहुत हिचकोले हैं और फिल्म चूंकि बहुत रफ्तार से आगे भागती हैं तो कहीं कहीं ये हिचकोले तकलीफ भी देने लगते हैं।
थॉर पर भारी पड़ी माइटी थॉर:
फिल्म ‘थॉर: लव एंड थंडर’ की कहानी इसके नायक थॉर की कहानी नहीं हैं। एमसीयू फैंस के नजरिये से देखें तो निर्देशक टाइका वाइटीटी ने बहुत ज्यादा प्रयोग करके थॉर की दुनिया ही उलट पुलट दी हैं। ये उलट पुलट वाले प्रयोग मार्वल स्टूडियो के कर्ताधर्ता एमसीयू के फेज 4 में कुछ ज्यादा ही कर रहे हैं। बजाय कहानियों को मजबूत करने के तमाशों पर जोर देने से मार्वल की ये काल्पनिक दुनिया अपना आकर्षण कमजोर कर रही हैं। लेकिन, एमसीयू के फैंस को उम्मीद हैं कि ‘एवेंजर्स: एंडगेम’ के बाद की कहानी जल्दी ही पटरी पर आ जाएगी। खुद केविन फाइगी भी ये उम्मीद जता चुके हैं। फिल्म ‘थॉर: लव एंड थंडर’ एमसीयू के उन फैंस को तो खूब पसंद आएगी जो थॉर को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं लेकिन एवेंजर्स के बाकी फैन्स को फिल्म से ज्यादा कुछ उम्मीद नहीं करनी चाहिए। हां, थॉर की प्रेमिका का कहानी में लौटना दिलचस्पी जरूर जगाता हैं। माइटी थॉर वाकई थॉर पर इक्कीस हैं।
क्रिस हेम्सवर्थ पर टिकीं फैंस की निगाहें:
क्रिस हेम्सवर्थ का अपना एक अलग फैन बेस भी हैं, उसे झटका देने का काम इस बार नताली पोर्टमैन ने किया हैं। हथौड़ा अब उसके पास हैं और वह लोहा गर्म होने के इंतजार मे हैं। थॉर के पास अब शक्तिशाली कुल्हाड़ी हैं। दोनों के निशाने पर गोर हैं। रास्ते में जीयूस की भी एंट्री हैं और वल्काइरी की भी। थॉर की सेना में गार्जियन्स ऑफ गैलेक्सी भी शामिल होते हैं। एक मल्टीस्टारर फिल्म में सबसे ज्यादा मशक्कत होती हैं हर कलाकार के किरदार को ठहराव देने और उसकी कहानी में जरूरत के हिसाब से उसे परदे पर प्रस्तुत करने में। गोर की शैतानी का विस्तार ठीक से न होना, माइटी थॉर बन चुकी जेन फॉस्टर के साथ उसके रिश्तों में एहसास के नए रंग ठीक से न भर पाना और रसेल क्रो जैसे सितारे की काबिलियत का ठीक से इस्तेमाल न कर पाना फिल्म ‘थॉर: लव एंड थंडर’ की कमजोर कड़ियां हैं।
देखें कि न देखें:
फिल्म ‘थॉर: लव एंड थंडर’ देखें कि न देखें पर चर्चा करना मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स के समर्पित प्रशंसकों के लिए कोई मायने नहीं रखता। साल 2008 से इस काल्पनिक लोक का हिस्सा बने इन प्रशंसकों के लिए एमसीयू की हर फिल्म किसी सिलेबस की तरह हैं। उसे देखना उनकी आदत भी बन चुकी हैं और जरूरत भी। मार्वल स्टूडियोज की ये फिल्म इन्हीं प्रशसंकों के लिए हैं और इसकी कामयाबी भी इनकी पसंद नापसंद पर निर्भर करती हैं।