लंदन: इतिहास में पहली बार ब्रिटेन (UK) को ऋषि सुनक के रूप में पहला भारतीय मूल का प्रधानमंत्री मिल गया हैं। वह आगामी 27 अक्टूबर को सत्ता संभालेंगे। दिवाली के दिन उनकी ताजपोशी का ऐलान हुआ था। आज संभव हैं कि वह ब्रिटिश महाराज किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात करेंगे।
ऋषि सुनक पहले ही ब्रिटेन के पीएम बन जाते लेकिन, उस वक्त लिज ट्रस ने बाजी मार ली थी। हालांकि ट्रस 44 दिन ही अपनी सत्ता संभाल पाई और इस्तीफा देकर निकलना पड़ा। ऋषि सुनक के पास देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अपार चुनौतियां हैं लेकिन, इससे पहले हम जानते हैं। उनके साथ जुड़े उन चार प्रमुख विवादों के बारे में जिसपर उनकी काफी आलोचना भी हुई थी।
बड़े ही नाटकीय अंदाज में पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन रेस से पीछे हटे और ऋषि सुनक की ताजपोशी हो गई। आज सुनक के पास ब्रिटेन को एक बार फिर खड़ा करने की चुनौती हैं। देश भयंकर महंगाई से जूझ रहा हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन की ज्यादातर आबादी को अपने खाने तक में कटौती करनी पड़ रही हैं।
नो वर्किंग क्लास फ्रेंड्स
बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री सीरीज ‘मिडिल क्लासेस: देयर राइज़ एंड स्प्रेल’ में उस वक्त ऋषि सुनक 21 वर्षीय नौजवान थे। वीडियो में सुनक अपने दोस्तों के बारे में बात कर रहे थे। 2001 की एक क्लिपिंग में, सुनक कहते हुए दिख रहे हैं, “मेरे पास ऐसे दोस्त हैं जो कुलीन हैं, मेरे पास उच्च वर्ग के दोस्त हैं। मेरे पास मजदूर वर्ग के भी दोस्त हैं। फिर तुरंत वो अपनी गलती भी सुधारते हैं और कहते हैं मजदूर वर्ग नहीं।” सुनक का यह वीडियो हालिया चुनाव में काफी वायरल हुआ था। जिस पर लेबर पार्टी के सांसदों ने जमकर आलोचना की थी और सोशल मीडिया पर ट्रोल किया था।
अक्षता की नागरिकता पर सवाल
ऋषि सुनक की शादी इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई हैं। ब्रिटेन की नागरिकता न होने को लेकर अक्षता निशाने पर आ चुकी हैं। जानकारी के अनुसार, अपने नॉन डोमिसाइल स्टेटस को बनाए रखने के लिए वह प्रति वर्ष 30,000 पाउंड का भुगतान करती हैं। इससे वह यूके में टैक्स देने की छूट की हकदार बन जाती।
रूस का ‘खूनी पैसा और और खूनी व्यापार ‘
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद से तमाम यूरोपीय देश रूस के खिलाफ हैं। इसी क्रम में ब्रिटेन भी रूस पर कई प्रतिबंधों की घोषणा कर चुका हैं। हाल ही में सुनक ने ब्रिटिश फर्मों से रूस में निवेश या कंपनियां बंद करने का आग्रह किया था। शेल और बीपी जैसी कंपनियों के रूस से बाहर आने पर प्रशंसा भी की थी। इस बार फिर सुनक अक्षता के कारण निशाने पर आए। अक्षता की कंपनी इंफोसिस पर रूस में सेवा जारी रखने का आरोप लगा था क्योंकि अक्षता ने रूस में निवेश या कंपनी बंद करने से इनकार कर दिया था।
यूक्रेन ने भी इस पर सवाल उठाए थे। सांसद लेसिया वालिलेंको ने द गार्जियन के हवाले से कहा था कि “हर कंपनी के पास बनाने का विकल्प होता हैं, आप हमेशा की तरह व्यवसाय चला सकते हैं और अपना पैसा कमा सकते हैं, लेकिन आपको इस तथ्य के साथ रहना होगा कि यह खूनी पैसा हैं और खूनी व्यापार हैं।”
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ब्रेड की कीमत पर बवाल
ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई को लेकर ऋषि सुनक ने ब्रेड की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने महंगाई पर चिंता जताते हुए कहा था कि हमारे घर में अलग-अलग तरह के ब्रेड हैं। मैं, मेरी पत्नी और मेरे बच्चों के बीच एक तरह का हेल्थीनेस हैं। मुझे महंगाई को लेकर चिंता हैं। रोटी के लिए संघर्ष करने की बात को लेकर सुनक की आलोचना भी हुई थी। एक नेता जिम मैकमोहन ने कहा था कि हो सकता हैं कि अगर कुलाधिपति इतने सारे परिवारों की तरह एक रोटी का खर्च उठाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, तो उन्होंने कल परिवारों को समर्थन की पेशकश की होगी। मैकमोहन ने कहा कि उनको अभी भी महंगाई को लेकर अंदाजा नहीं है क्योंकि जिस मुद्दे पर वह बात कर रहे हैं उसका हल भी उनके पास होना चाहिए। क्योंकि उस मंत्रालय को वही लीड करते हैं।