नई दिल्ली: महाराष्ट्र में बागियों और बीजेपी की वजह से मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवा चुके Uddhav Thackeray के सांसद राष्ट्रपति चुनाव में NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करना चाहते हैं। सोमवार को पार्टी सांसदों की मातोश्री में बैठक हुई, जिसमें उन्होंने मुर्मू को समर्थन देने की इच्छा जताई। हालांकि अंतिम निर्णय उद्धव पर ही छोड़ा गया हैं।
शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने बताया कि मातोश्री में हुई बैठक में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सांसदों के बीच चर्चा हुई हैं। अधिकतर सांसद NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में हैं। हालांकि उद्धव ठाकरे इस पर अंतिम फैसला करेंगे।
4 सांसद बैठक से नदारद
बैठक में 18 में से 4 सांसद नहीं आए। इनमें 2 सांसदों ने निजी कारणों से आने में असमर्थता जताई। वहीं एकनाथ शिंदे गुट के माने जाने वाले दो सांसद भावना गवली और श्रीकांत शिंदे भी मीटिंग से नदारद रहे। भावना गवली को हाल ही में शिवसेना ने लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से हटा दिया था। इसके अलावा श्रीकांत शिंदे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे हैं।
वहीं राज्यसभा के तीन सांसदों में संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी ही मीटिंग में शामिल हुए। अनिल देसाई दिल्ली में होने की वजह से नहीं आ सके।
CJI ने कहा- विधानसभा स्पीकर शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला न लें
महाराष्ट्र के सियासी संकट पर 21 दिन बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। विधायकों की अयोग्यता को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए CJI एनवी रमना ने कहा कि फिलहाल विधानसभा स्पीकर इस पर फैसला नहीं लें।
अदालत का फैसला आने तक यह कार्यवाही रुकी रहेगी। कोर्ट मामले की तुरंत सुनवाई नहीं कर सकती हैं, इसके लिए बेंच गठित की जाएगी। कोर्ट ने राज्यपाल की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल (SG) से कहा कि नवनियुक्त विधानसभा अध्यक्ष तक यह सूचना पहुंचा दें।
महाराष्ट्र विधानसभा के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत ने SC में जवाब दाखिल किया था कि 3 जुलाई को राहुल नार्वेकर को विधानसभा अध्यक्ष चुना गया हैं। अब उन्हें विधायकों की अयोग्यता का मामला देखना हैं। ऐसे में डिप्टी स्पीकर की तरफ से भेजे नोटिस को चुनौती देने वाली विधायकों की याचिका का SC निपटारा कर दे और नए स्पीकर को अयोग्यता पर फैसला करने दे।
Uddhav Thackeray चुनाव आयोग पहुंचे
महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के इस्तीफे के बाद अब शिवसेना किसकी, पर लड़ाई शुरू हो गई हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग में कैविएट फाइल की हैं। उन्होंने आयोग से अपील कि हैं कि अगर एकनाथ शिंदे शिवसेना के चुनाव चिह्न के लिए आते हैं तो हमारी बात सुने बिना कोई फैसला न लिया जाए।
डिप्टी स्पीकर ने दिया था हलफनामा
इधर, सुनवाई से पहले डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने हलफनामा पेश किया था। जिरवाल ने कहा- 16 बागी विधायकों को 48 घंटे का वक्त दिया गया था, लेकिन उन्होंने 24 घंटे में ही सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया। 26 जून को सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे खेमे के 16 विधायकों की सदस्यता रद्द वाले नोटिस पर सुनवाई की थी, जिसमें कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर, शिवसेना, केंद्र सरकार और महाराष्ट्र पुलिस को जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।