कीव: रूस और यूक्रेन Ukraine के बीच जंग war चल रही हैं। युद्ध के कारण तबाही का मंजर यूक्रेन में हर तरफ देखा जा सकता हैं। लोग जान बचाने के लिए प्रशासनिक भवन में पनाह ले रहे थे। इसी दौरान रूसी हमले में दिल को झकझोर देने वाली घटना सामने आयी। यहां बूचा के प्रशासनिक भवन में 14 साल का किशोर यूरी नेचिपोरेंको और उसके पिता रुस्लान रूसी सैनिकों की क्रूरता के शिकार हो गए।
सैनिकों ने बर्बरता से की पिता की हत्या:
दरअसल, प्रशासनिक भवन में यूरी और उसके पिता साइकिल चला रहे थे। जंग के कारण कई इलाकों में बिजली, गैस और पानी का कनेक्शन काट दिया गया हैं। शहर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति कम हो गई हैं। यूरी और उसके पिता को कुछ दवा और खाने की चीजें मिलने की उम्मीद थी। इसलिए वे वहां गए थे। यूरी ने बताया कि एक रूसी सैनिक ने उसे और उसके पिता को सेंट तारासिव्स्का पर रोका। इसके बाद उसके पिता ने और उसने तुरंत हाथ ऊपर की ओर उठा दिया था। उनके पास कोई हथियार भी नहीं था, इसके बाद भी रूसी सैनिकों ने मेरे पिता को मार दिया।
सैनिकों ने पिता को मारी चार गोली:
बच्चे ने पहले अपने बारे में बताया कि उस दिन क्या हुआ था। यूरो ने बताया कि उसके पिता ने सैनिकों से कहा कि हमारे पास कोई हथियार नहीं हैं और हमसे आपको कोई खतरा भी नहीं हैं। इसके बाद जैसे ही मेरे पिता ने अपना सिर मेरी तरफ घुमाया उन्हें गोली मार दी गई। उन्हें दो बार सीने में गोली मारी गई, वह वहीं गिर गए। उसके बाद सिपाही ने फिर उनके बाएं हाथ में गोली मार दी। इसके बाद सैनिकों ने उनके कंधे पर गोली मार दी।
हमले के डर से बच्चे को आया पैनिक अटैक:
यूरी ने कहा, ‘मैं अपने पेट के बल लेटा हुआ था, मुझे अपने आस-पास कुछ भी नहीं दिख रहा था। सिपाही ने मेरे पिता के सिर पर निशाना लगाते हुए फिर से गोली मार दी। लेकिन वो गोली मेरे हुड से निकल गई। सिपाही ने फिर से निशाना लगाते हुए मेरे पिता के सिर पर गोली मार दी। लेकिन मेरे पिता पहले ही मर चुके थे। मेरे हाथ से खून निकल रहा था, उसी वक्त मुझे एक पैनिक अटैक आया।
बाद में मैं किसी तरह भाग गया। रास्ते में मैंने देखा कि जगह-जगह शव सड़क पर दिख रहे थे और कई लोग बुरी तरह से घायल भी थे। कुछ लोगों के हाथ और पैर उनकी पीठ के पीछे बंधे हुए थे। जहां मेरे पिता को मारा गया था, उससे 2 किलोमीटर दूर पर यब्लोन्स्का सेंट के एक हिस्से में कई लोगों के शव दिखे।
War के बीच पति का शव लेने पहुंची महिला:
यूरी की मां अल्ला ने बताया कि घर लौटने के बाद वह अपने बेटा के साथ पति को देखने गई थी। मां ने कहा कि मुझे लगा कि मेरे पति गंभीर रूप से घायल होंगे। लेकिन उनकी मृत्यु हो चुकी थी। मेरा बेटा उस वक्त इतना ज्यादा डर गया था कि उसने इस हादसे को किसी और से न कहने की गुजारिश की। उसको इस बात का डर का कि अगर सैनिकों को इस हादसे के बारे में कहीं से पता लगेगा तो वो मुझे भी पिता की तरह मार देंगे।
कफन बांध कर किया पति का अंतिम संस्कार:
मां ने बताया कि जैसे ही मैं आगे बढ़ने की कोशिश की, वहां के लोगों ने मुझे आगे जाने से रोक लिया। लोगों ने बताया कि आगे मत जाओ, वहां के सैनिक किसी भी आने-जाने वाले को मार रहे हैं। अगली सुबह अल्ला अपनी मां को पहले सफेद स्कार्फ पहनाया। इसके बाद जहां मेरे पति को मारा गया था, वहां मेरी मां ने रूसी सैनिकों से पहले बात की। मेरी मां ने सैनिकों को बताया कि मुझे अपने पति के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना है। इसके बाद मैंने अपने पति के शव को घर के बगीचे में दफना दिया।