वॉशिंगटन: दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की हैं। हेल्थ एजेंसी के मुताबिक, दुनिया भर में कोरोना से लगभग 1.5 करोड़ लोगों की जान गई हैं, जो कि ऑफिशियल रिलीज डेटा से 3 गुना ज्यादा हैं।
भारत पर नजर डालें तो यहां कोरोना से 47 लाख मौतें होने का अनुमान लगाया गया हैं, जो दुनिया भर की मौतों का एक तिहाई हैं और ऑफिशियल आंकड़ों की तुलना में 10 गुना ज्यादा हैं।
WHO की रिपोर्ट में अप्रत्यक्ष मौतों का क्या मतलब:
WHO ने महामारी के दौरान हुई मौतों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, दोनों तरह की मौतों को शामिल किया हैं। यह आंकड़े जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 तक के हैं। ऑफिशियल आंकड़े विश्व में सिर्फ 54 लाख मौतों की जानकारी ही देते हैं।
रिपोर्ट में ऐसे मरीजों को भी गिना गया हैं जिनकी मौत महामारी के दौरान अप्रत्यक्ष रूप से हुई थी। यानी, इसमें 95 लाख वो लोग भी शामिल हैं जो दूसरी बीमारियों से पीड़ित थे, लेकिन उन्हें सही वक्त पर इलाज नहीं मिल सका। WHO की मानें तो महामारी से पहले भी दुनिया में हर 10 में से 6 लोगों की मौत दर्ज नहीं की गई।
देश में 2020 में इलाज की कमी से सबसे ज्यादा मौते:
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी की थी। सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) 2020 नाम से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में देश में कुल 81.16 लाख लोगों की मौत हुई थी। इनमें से 45% लोगों को कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं मिला था। इलाज के अभाव में यह अब तक की सबसे ज्यादा मौतें हैं। 2019 में यह आंकड़ा देश भर में हुई मौतों का 34.5% था।
कोरोना से कम अप्रत्यक्ष मौतों में चीन शामिल:
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी के दौरान चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और नॉर्वे जैसे देशों में अप्रत्यक्ष रूप से मौतें कम हुईं। जहां चीन में अब भी जीरो कोविड पॉलिसी अपनाई जा रही हैं, वहीं ऑस्ट्रेलिया में सख्त टेस्टिंग और आइसोलेशन फॉलो किया जा रहा हैं। दूसरी ओर, वैज्ञानिकों को अफ्रीका के 54 देशों में से 41 देशों के भरोसेमंद रिकॉर्ड्स नहीं मिल सके।
भारत सरकार को WHO की रिपोर्ट पर शक:
WHO का कहना है कि दुनिया में कोरोना से जो आधी मौतें दर्ज नहीं हुईं, वो तो केवल भारत से ही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी की वजह से देश में तकरीबन 47 लाख लोगों की मौत हुई थी। साथ ही ज्यादातर मौतें मई और जून 2021 में आई कोरोना लहर की पीक के दौरान हुईं थीं।
दूसरी तरफ, भारत सरकार का कहना हैं कि जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 तक देश में सिर्फ 4 लाख 80 हजार मौतें ही हुई हैं। BBC की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार को WHO के आंकड़ों और मौतें गिनने के मेथड पर शक हैं। मगर इसके पहले भी हुई कई स्टडीज में कुछ ऐसे ही नतीजे देखने को मिले हैं। WHO का कहना हैं कि भारत ने सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) 2020 के नाम से जो रिपोर्ट जारी की हैं, फिलहाल उसका आकलन नहीं किया गया हैं।