‘शिवसेना’ पर किसका होगा अधिकार, चुनाव आयोग ने मांगा जवाब

Who will have the right over 'Shiv Sena', the EC sought answer

मुंबई: महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद अब शिवसेना पर दावेदारी को लेकर एकनाथ शिंदे व उद्धव ठाकरे गुट कानूनी दांव पेंच आजमा रहे हैं। शिवसेना पर दावेदारी का मामला चुनाव आयोग पहुंच चुका है। आयोग ने दोनों गुटों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

चुनाव आयोग ने ठाकरे व शिंदे गुट दोनों से कहा है कि वे दस्तावेजों के साथ यह सबूत दें कि उनके पास शिवसेना के सदस्यों का बहुमत है। आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट द्वारा उसे लिखे गए पत्र और शिंदे गुट को ठाकरे गुट द्वारा लिखा गया पत्र भी भेजा है। दोनों गुटों से आयोग ने 08 अगस्त को दोपहर 01 बजे तक तक जवाब मांगा है। शिवसेना पर दावेदारी कर रहे दोनों गुटों से आयोग ने उनके समर्थक विधायकों व सांसदों के अलावा संगठनात्मक इकाइयों में सपोर्ट के हस्ताक्षरित पत्र भी मांगे हैं।

शिंदे गुट का बहुमत का दावा

Who will have the right over 'Shiv Sena', the EC sought answer

मालूम हो कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत के बाद महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी (एमपीए) सरकार के उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 30 जून को शिंदे ने महाराष्ट्र के सीएम पद की और बीजेपी नेता व पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उसके बाद से शिंदे गुट दावा कर रहा है कि उसके पास शिवसेना विधायकों का बहुमत है।

महाराष्ट्र विधानसभा का स्पीकर व मुख्य सचेतक भी शिंदे गुट का चुना गया है। हाल ही मे लोकसभा में शिवसेना के नेता को भी शिंदे गुट ने चुना है। शिवसेना के 19 लोकसभा सांसदों में से 12 ने बागी गुट को अपना समर्थन दिया है। शिंदे गुट अब शिवसेना की प्रतिनिधि परिषद पर कब्जे के लिए आगे बढ़ रहा है। परिषद में 282 सदस्य हैं और यह पार्टी का सबसे बड़ा मंच है। इसमें दल के अध्यक्ष से लेकर विभिन्न इकाइयों के पदाधिकारी शामिल हैं।

ठाकरे गुट का ये है दावा

उधर, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने दावा किया है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट एमवीए सरकार गिरने से पहले बागी विधायकों के खिलाफ जारी किए गए अयोग्यता नोटिस पर फैसला नहीं करता है, तब तक नियुक्तियां अवैध हैं।

‘शिवसेना’ पर किसका होगा अधिकार

मुंख्यमंत्री शिंदे गुट अपने धड़े को असली शिवसेना बताते हुए चुनाव आगोय के समक्ष दावेदारी पेश कर रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि दस्तावेजी सबूतों के साथ कौन कितना भारी होगा? शिवसेना ठाकरे परिवार के हाथ में रहेगी या एकनाथ शिंदे के हाथ में चली जाएगी?

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