कानपुर में फिर कहर बरपाने लगीं बीमारियां: डेंगू और वायरल से सात दिन में 10 की मौत

10 died in seven days due to dengue and viral in kanpur

कानपुर में बीमारियां फिर से कहर बरपाने लगी हैं। डेंगू और वायरल फीवर से सात दिन में 10 लोगों की मौत हो गई। इनमें से पांच रोगियों की बीते 24 घंटे में जान गई है। इनमें दो बच्चे शामिल हैं। कल्याणपुर के कुरसौली गांव में बुधवार को बुखार से दूसरी रोगी की भी मौत हो गई।

इस गांव में पहले एक किशोरी की बुखार से जान जा चुकी है। डॉक्टरों ने बताया कि वायरल बुखार के रोगियों को छाती का संक्रमण हो जा रहा है। फेफड़ों में पानी भर जाता है। कुछ रोगियों को खांसी में खून भी आ रहा है। वायरल बुखार का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है।

हालत ये है कि हर घर में रोगी मिल रहे हैं। बहुत से रोगी गंभीर हालत में हैलट और निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। डेंगू और वायरल से सात दिन में होने वाली 10 मौतें वो हैं जिनकी सूचना मिल सकी है। इसके अलावा भी गांवों और दूरदराज के इलाकों में बुखार से मौतें हो रही हैं।

रोकथाम के उपाय स्वास्थ्य विभाग जमीनी तौर पर अभी नहीं कर पाया है। ज्यादातर रोगी नर्सिंगहोमों में हैं जिनका आंकड़ा विभाग को पता नहीं हैं। कल्याणपुर ब्लाक का कुरसौली गांव ढाई हफ्ते से बुखार की गिरफ्त में है। मंगलवार देर रात लक्ष्मी प्रजापति (38) की तबियत बिगड़ी तो घरवाले क्षेत्र के नर्सिंगहोम ले गए।
वहां जांच में पता चला कि फेफड़ों में पानी भर गया है। उसे हैलट रेफर किया गया। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसके पहले गांव के शिवलाल की बेटी तन्नू (14) की मौत हो गई थी। इसी तरह बुधवार को ही नवाबगंज के रामआसरे (65) की मौत हो गई।

बुखार के दौरान सांस उखड़ गई। अस्पताल ले जाते वक्त उन्होंने भी दम तोड़ दिया। महाराजपुर निवासी जय सिंह (25) की बुखार आने के बाद दिमाग में सूजन आने से मौत हो गई। चमनगंज निवासी अंजनी श्रीवास्तव (65) को तेज बुखार आया। इनमें वायरल के साथ निमोनिया की पुष्टि हुई।

बुधवार को ही इनकी भी जान चली गई। यहीं के शंकर लाल की मौत कोरोना संक्रमण जैसे लक्षणों की वजह से हुई। बीते तीन-चार दिन से लगातार रोगियों की मौत हो रही है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. जेएस कुशवाहा ने बताया कि रोगियों को सांस के साथ और भी अंगों में दिक्कत हो रही है।


डेंगू वार्ड बनाया, जांच की सुविधा नहीं
सरसौल सीएचसी पर डेंगू रोगियों के लिए छह बेड का अलग वार्ड बनाया गया है। बताया जा रहा है कि सीएचसी में प्रतिदिन 15-16 रोगी बुखार के आ रहे हैं। हालांकि यहां डेंगू की जांच की सुविधा नहीं है। ऐसे में डेंगू के रोगी की पहचान हो पाना ही मुश्किल है। सीएचसी अधीक्षक डॉ रमेश कुमार ने बताया कि बुखार के रोगियों का लक्षण के आधार पर इलाज किया जा रहा है। 

हर डाक्टर की क्लीनिक पर रोगियों की कतार
बुखा
र के प्रकोप की स्थिति यह है कि हर डाक्टर की क्लीनिक पर रोगियों की लाइन लगी हुई है। ग्रामीण इलाकों में लोग झोलाछाप डाक्टरों से इलाज करा रहे हैं। क्षेत्र में चल रही पैथोलॉजियों में सिर्फ सीबीसी जांच हो रही है। इसके अलावा डेंगू की एंटी जन चोरी छिपे लोग कर दे रहे हैं। रोगियों की हालत गंभीर होने पर घर वाले हैलट और उर्सला लेकर आते हैं।  


पीएचसी, सीएचसी पर बुखार के रोगियों की सभी तरह की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मेडिकल कॉलेज में डेंगू की निशुल्क जांच हो रही है। सीएचसी, पीएचसी में भर्ती रोगी के सैंपल यहां भेजने को कहा गया है।- डॉ. नेपाल सिंह, सीएमओ 

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