आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ता बिहार..

पटना: दूसरे कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए और दूसरे प्रदेश से लोग अपने घर लौटे थे। प्रधानमंत्री ने ‘लोकल फॉर वोकल का संदेश’ दिया था और अब इस पर अमल होना शुरू हो गया है। लोग अपने आस पास ही अपने विरासत और संस्कृति को बढ़ाने में लग गए है। राजधानी में राज्य के कई जिलों के कामगार जो पहले दूसरे प्रदेश दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद में जरी बूटी और कढ़ाई-बुनाई का काम करते थे वो अब यही काम करने लगे है।

ये कामगार मधुबनी वर्क का काम करते है और दूसरे कोरोनाकाल में पूरी तरह से जीविका के लिए इसी कामों पर निर्भर रहे है। ये कामगार 08 से 10 घण्टे तक काम करते है और जीविका चलाने के लिए अच्छी ख़ासी रकम भी उन्हें मिलती है। ये लोग अपने घरों में काम करके खुश है और इनका कहना है कि अगर इन्हें यहीं लगातार काम मिलते रहा तो ये लोग दूसरे प्रदेशों में नहीं जायेंगे और यही काम करेंगे और अपने हुनर को विरासत को बढ़ाने का भी काम करेंगे।

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