नई दिल्ली: देश में President Election 2022 के शंखनाद का वक्त आ गया हैं। चुनाव आयोग आज दोपहर 3 बजे इसकी तारीख व विस्तृत कार्यक्रम का एलान करेगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा हो रहा हैं। पिछली बार 17 जुलाई 2017 को नए राष्ट्रपति का चुनाव हुआ था। तब 50 फीसदी वोट सत्तारूढ़ राजग के पक्ष में थे। इस बार भी कुछ क्षेत्रीय दलों की मदद से एनडीए अपनी पसंद का राष्ट्रपति चुनने के करीब हैं।
चुनाव आयोग ने आज तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई हैं। इसमें वह राष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम का एलान करेगा। 24 जुलाई के पूर्व निर्वाचन प्रक्रिया पूरी की जाना हैं। राष्ट्रपति चुनाव-2017 में मतदान 17 जुलाई को हुआ था और मतगणना 20 जुलाई को हुई थी। तब 50 फीसदी वोट सत्तारूढ़ राजग के पक्ष में थे, साथ ही क्षेत्रीय दलों में भी अधिकतर दलों का समर्थन मिल गया था। इस बार भी कुछ क्षेत्रीय दलों की मदद से एनडीए अपनी पसंद का राष्ट्रपति चुनने के करीब हैं। हालांकि, अगले कुछ दिनों में होने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद इसकी पूरी तस्वीर साफ होगी।
निर्वाचक मंडल इस तरह चुनता हैं President:
भारत में राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल (electoral college) द्वारा किया जाता हैं। इसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के चुने गए सदस्य शामिल होते हैं। इनमें लोकसभा व राज्यसभा के मनोनीत सदस्य और विधान परिषदों के सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं हैं। 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में अभी 230 सांसद हैं।
जून और जुलाई में 57 सदस्यों की सदस्यता खत्म हो रही हैं, हालांकि इनमें से 41 सीटों पर निर्विरोध सदस्य चुने जा चुके हैं, जबकि बची हुई सीटों पर 10 जून को चुनाव हो जाएंगे। राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत 12 राज्यसभा सांसद राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डालते हैं। वहीं, 543 सदस्यों वाली लोकसभा में अभी 540 सांसद हैं। तीन सीटें खाली हैं। इन पर भी चुनाव की प्रक्रिया जारी हैं। मतलब साफ हैं कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की सभी खाली सीटों पर उपचुनाव हो जाएंगे। चुने गए सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालेंगे।
रिमोट वोटिंग का वक्त आया: आयोग
हाल ही में देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रिमोट वोटिंग की पैरवी की हैं। उन्होंने उत्तराखंड के एक दूरदराज के मतदान केंद्र की एक घंटे की यात्रा के बाद मंगलवार को यह बात कही थी। आयोग ने कहा कि समय आ गया हैं कि रिमोट वोटिंग की संभावनाओं का पता लगाया जाए, शायद पायलट आधार पर ऐसा किया जा सकता हैं।