नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ED के दफ्तर पहुंच गए हैं। यहां उनसे पूछताछ शुरू हो गई हैं। घर से निकलते वक्त उनके साथ कार में प्रियंका वाड्रा भी सवार थीं। यहां पर उनसे नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ होगी। सोमवार सुबह प्रियंका वाड्रा उनके तुगलक रोड स्थित आवास पर पहुंची थीं। दोनों ने अपने वकील से पूछताछ को लेकर मशवरा लिया था।
राहुल से ED की टीम अब तक 3 दिन में 30 घंटे की पूछताछ कर चुकी हैं। नेशनल हेराल्ड केस में राहुल के अलावा सोनिया गांधी, सुमन दुबे और सैम पित्रौदा भी आरोपी हैं। दो आरोपियों ऑस्कर फर्नांडिस और मोतीलाल वोरा का निधन हो चुका हैं।
इससे पहले राहुल से लगातार सोमवार, मंगलवार और बुधवार को ED ने सवाल किए। एक तरफ जहां ED अधिकारी उनके जवाबों से असंतुष्ट नजर आए, वहीं राहुल गांधी को भी कहना पड़ा कि लगता हैं अब यहां रोज आना पड़ेगा, क्योंकि पूछताछ लंबी चलेगी।
कांग्रेस नेताओं का सत्याग्रह शुरू:
राहुल गांधी से ED की पूछताछ के खिलाफ कांग्रेसियों ने जंतर-मंतर पर धरना देना शुरू कर दिया हैं। जंतर मंतर पर सत्याग्रह में मल्लिकार्जुन खड़गे, सलमान खुर्शीद, के सुरेश, वी नारायणसामी आदि नेता शामिल हैं।
अब तक 50% ही सवाल-जवाब हो पाए:
राहुल गांधी से 3 दिन की पूछताछ में अब तक सिर्फ 50% सवाल ही पूछे जा सके हैं। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में ED अफसर उनके जवाबों से असंतुष्ट नजर आए। पूछताछ में राहुल ने यंग इंडिया लिमिटेड को नो प्रॉफिट नो लॉस वाली कंपनी बताया। ED अधिकारियों ने सामाजिक कार्यों को गिनाने को कहा, जो इस कंपनी के जरिए किए गए।
2015 में हुई थी ED की एंट्री:
2015 में इस केस में ED की एंट्री हुई थी। ED ने मई के अंतिम हफ्ते में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था। हालांकि, इससे पहले अप्रैल में कांग्रेस के 2 दिग्गज नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से भी ED पूछताछ कर चुकी हैं।
मोतीलाल वोरा का नाम आने पर राहुल के आरोप से अरुण वोरा का इनकार:
ED की पूछताछ के दौरान राहुल गांधी के बयानों पर मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा ने प्रतिक्रिया दी। दरअसल, कहा जा रहा हैं कि नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ के दौरान राहुल गांधी ने ट्रांजेक्शन में पार्टी के दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा का नाम लिया था। राहुल गांधी के मुताबिक, AJL और यंग इंडिया के बीच हुई लेनदेन के तमाम ट्रांजेक्शन मोतीलाल वोरा ही देखते थे।
एक इंटरव्यू में अरुण वोरा ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उनका मानना हैं कि राहुल गांधी उनके पिता के खिलाफ इस तरह के आरोप नहीं लगा सकते। ये निराधार आरोप हैं। कांग्रेस नेतृत्व गलत नहीं हो सकता और न ही वोराजी।
नेशनल हेराल्ड केस क्या हैं?
BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था।
आरोप के मुताबिक, इन कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड, यानी YIL नाम का आर्गनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली असोसिएटेड जर्नल लिमिटेड, यानी AJL का अवैध तरीके से अधिग्रहण कर लिया। स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था।