मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र की गाइडलाइन

Center guideline regarding monkeypox

नई दिल्ली: देश में Monkeypox के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने जरूरी गाइडलाइंस जारी की हैं। इनमें 21 दिनों का आइसोलेशन, घावों को ढककर रखना और ट्रिपल लेयर का मास्क पहनना शामिल हैं। इसके अलावा सरकार ने मंकीपॉक्स की जांच के लिए टेस्टिंग किट और वैक्सीन बनाने के लिए टेंडर निकाला हैं।

देश में अब तक मंकीपॉक्स के 4 केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 3 मरीज केरल में और 1 दिल्ली में मिला हैं। अब तक 4 संदिग्ध केस भी सामने आ चुके हैं। सभी के सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेज दिए गए हैं। हालांकि, अभी तक रिपोर्ट नहीं आई हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन:

मंकीपॉक्स संक्रमित रोगी को 21 दिन तक क्वारैंटाइन रहना होगा।

चेहरे पर मास्क पहनने के साथ-साथ हाथों को धोते रहें। मास्क तीन लेयर वाला पहनना चाहिए।

घावों को पूरी तरह से ढककर रखें। पूरी तरह से ठीक होने तक अस्पताल में रहना होगा।

अस्पताल के वार्ड में भर्ती संक्रमित रोगी या फिर संदिग्ध रोगी की किसी भी दूषित चीजों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को तब तक ड्यूटी से बाहर नहीं करना हैं, जब तक उनमें कोई लक्षण विकसित न हो। हालांकि, ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारियों की 21 दिन तक निगरानी बहुत जरूरी हैं।

मंकीपॉक्स मरीज के संपर्क में आने, उससे शारीरिक संपर्क बनाने या फिर उसके आसपास दूषित चीजों जैसे कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में आने पर संक्रमण फैल सकता हैं। इससे बचना बहुत जरूरी हैं।

monkeypox

वैक्सीन मेकर कंपनियां तैयार करें जांच किट: केंद्र

मंकीपॉक्स से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी हैं। केंद्र ने वैक्सीन मेकर कंपनियों से कहा हैं कि वो सबसे पहले मंकीपॉक्स के लिए डाइग्नोस्टिक किट्स तैयार करे, ताकि इस रोग की पहचान जल्द और सटीक हो सके। इसके साथ ही बीमारी से निपटने के लिए वैक्सीन भी तैयार करना जरूरी हैं। इस पर भी तेजी से काम किया जाए। इसके लिए ICMR ने कंपनियों से प्रस्ताव भी मांगे हैं।

केरल में मिला था पहला केस

देश में मंकीपॉक्स का पहला केस 14 जुलाई को केरल के कोल्लम में मिला था। इसके बाद केरल में ही 18 और 22 जुलाई को दूसरे और तीसरे केस की पुष्टि हुई थी। ये तीनों मरीज खाड़ी देशों से लौटे थे। इसके बाद 25 जुलाई को दिल्ली में चौथे केस की पुष्टि हुई। हालांकि इस मरीज की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं हैं। वह मनाली से पार्टी करके लौटा था। वहीं अब तक तेलंगाना, बिहार, यूपी और दिल्ली में 4 संदिग्धों की पहचान की गई हैं। इनके सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेज दिए गए हैं।

केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को अलर्ट किया जारी

उत्तराखंड में डेंगू और मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया हैं। ऐसे लोगों पर निगरानी रखने के लिए कहा गया हैं, जो केरल या प्रभावित देशों से राज्य पहुंच रहे हैं।

दिल्ली आने वाले संदिग्ध मरीजों को LNJP अस्पताल भेजा जाएगा, जहां मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए अलग से वॉर्ड बनाया गया हैं।

UP में भी मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया हैं। सरकार का कहना हैं कि पड़ोसी राज्यों में केस मिलने के बाद सतर्क रहने की जरूरत हैं।

MP में भी हेल्थ मिनिस्टर प्रभु राम चौधरी ने अलर्ट जारी कर दिया हैं।

बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स को लेकर सभी जिलों के लिए अलर्ट जारी कर दिया हैं।

दुनिया में Monkeypox के लगभग 21 हजार मामले

monkeypoxmeter.com के डेटा के मुताबिक, भारत समेत 80 देशों में 20,710 मरीजों की पुष्टि हो चुकी हैं। इनमें से यूरोप में सबसे ज्यादा करीब 12 हजार लोग मंकीपॉक्स की चपेट में आए हैं। वहीं, बीमारी से ग्रस्त टॉप 10 देशों में ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, कनाडा, नीदरलैंड्स, इटली और बेल्जियम शामिल हैं। मंकीपॉक्स से इस साल तीन लोगों की मौत हो चुकी हैं।

WHO ने हेल्थ इमरजेंसी की घोषित

WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर पूरी दुनिया में हेल्थ इमरजेंसी घोषित की हैं। WHO ने कहा कि ये बीमारी मरीज से स्किन टु स्किन कॉन्टैक्ट करने से या फिर उसे खाना खिलाने से भी फैलती हैं। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन और बिस्तर छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता हैं।

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