नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के बेहद निराशानजक रवैये से पीएसयू कंपनियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा लग रहा है कि मानो दिल्ली नगर निगम को कमिश्नर नहीं ठेकेदार चला रहे हों। दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर ज्ञानेश भारती आए दिन अपने पुराने ऑडर्स किसी ना किसी दबाव में बदलते रहते हैं जिसका खामियाजा आजकल पीएसयू कंपनियों को उठाना पड़ रहा है. जिनको दिल्ली में निगम द्वारा ईवी चार्जर लगाने का ठेका दिया गया है।
क्लाइमेट को प्रदुषण मुक्त करने में EV Charging का अहम योगदान
राजधानी में जब बात विकास की होती है तो लोगों की दिल्ली नगर निगम से काफी उम्मीद होती है और इसी तरह दिल्ली के प्रदूषण को देखते हुए और प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में सबसे अहम क्लाइमेट को प्रदुषण मुक्त करना है जिसमें ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर ई-वेकल को बढ़ावा देना है, जिसके तहत निगम ने पीएसयू कंपनियों को दिल्ली में ईवी चार्जर्स लगाने का काम नॉमिनेशन बेसिस पर ठेका दिया था। यह ठेका रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल के तहत दिया गया था। जिसमें रेवेन्यू का जरिया विज्ञापन व चार्जिंग से होने वाली कमाई है।
नगर निगम के विज्ञापन विभाग ने बदला को-ब्रांडिंग का रूप
दिल्ली नगर निगम के विज्ञापन विभाग ने विज्ञापन ठेकेदारों के दबाव में आकर ऑर्डर के वक्त दिए गए को-ब्रांडिंग का स्वरूप को बार-बार बदला। जिसके तहत पीएसयू कंपनियों ने एमसीडी कमिश्नर को पत्र द्वारा अपनी नाराजगी व्यक्त की। हमारे सूत्रों के हवाले से पता चला है कि ये बार-बार होने वाले बदलाव का मुख्य कारण दिल्ली की बड़ी विज्ञापन कंपनियां हैं। जो कि निगम का विज्ञापन टेंडर छोड़ने की धमकी देते हैं। इसी कारण निगम का विज्ञापन विभाग अपने ही दिए गए ऑर्डर को बार-बार पलट रहा है। निगम के विज्ञापन विभाग ने पीएसयू को दिए गए ऑर्डर के तहत अपना पहला ऑर्डर दिनांक- 7 जुलाई, 2022 को दिया और फिर 23 अगस्त, 2022 को अपने ही दिए गए ऑर्डर को निरस्त करते हुए एक नया ऑर्डर पारित कर दिया। जबकि दोनों ऑर्डर में विज्ञापन विभाग द्वारा ऐसी नीतियां थोप दी गईं है जिसके कारण पूरा काम उलझ कर रह गया है।
5G से भारत में होगी नई डिजिटल क्रांति की शुरुआत
एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा कि देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने को लेकर इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देना होगा। पीएम ने इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के माध्यम से राष्ट्र को ऊर्जा स्वतंत्रता के लिए अगले स्तर तक पहुंचाना चाहिए। वहीं, इसके विपरीत दिल्ली नगर निगम के आयुक्त व विज्ञापन विभाग के अधिकारी कार्य को अंजाम दे रहे हैं।