अमेरिकी: इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) ने अमेरिकी रक्षा निर्माता बोइंग से अमेरिकी सेना के चिनूक हेलीकॉप्टरों के पूरे बेड़े को बंद करने के कारणों के बारे में जानकारी मांगी हैं। भारतीय वायु सेना अपने 15 बोइंग-निर्मित चिनूक हेलीकॉप्टरों के बेड़े का संचालन करता हैं, जिन्हें अमेरिका से अधिग्रहित किया गया था और मार्च 2019 में सेवा में शामिल किया गया था।
अमेरिकी सेना ने साल 1960 के दशक से युद्ध में काम करने वाले चिनूक हेलीकॉप्टरों के अपने पूरे बेडे को इंजन में आग लगने के खतरे को देखते हुए ग्राउंड कर दिया हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में बताया हैं कि सेना ने इस तरह का कदम सावधानी को देखते हुए उठाया हैं। अमेरिकी सेना की कार्रवाई से चिनूक पर सवालिया निशान उठने लगे हैं।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक चिनूक में आग लगने की घटनाएं बड़ी हैं। इसके साथ ही करीब 06 दशक पुराने हेलीकॉप्टर के इंजन फेल समेत कई खतरे हो सकते हैं। इसी को देखते हुए अमेरिकी सेना ने ये फैसला लिया हैं। हालांकि, चिनूक हेलीकॉप्टर केवल अमेरिका ही नहीं, भारतर समेत दुनिया के कई देशों की सेनाओं के बेड़े में शामिल हैं।
70 से ज्यादा आग लगने की घटनाएं
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों में से एक ने बताया कि हाल के दिनों में आग की घटनाएं सामने आई हैं। अमेरिकी सेना मटेरियल कमांड ने सैकड़ों हेलीकॉप्टरों को बेडे से बाहर कर दिया। यूएस आर्मी के अधिकारियों ने बताया कि 70 से ज्यादा चिनूक हेलिकॉप्टर के इंजन में आग लगने की घटनाओं के चलते यह फैसला लिया गया हैं।
भारत में करीब 15 चिनूक हेलीकॉप्टर
भारतीय सेना के पास इस समय करीब 15 सीएच-47 चिनूक हेलीकॉप्टर हैं। पिछले कुछ साल में उन्हें लद्दाख और सियाचिन ग्लेशियर जैसी जगहों पर तैनात किया गया हैं। यहां चिनूक भारतीय सेना के एयरलिफ्ट ऑपरेशन के लिए प्रमुख सैन्य उपकरणों से एक बनकर उभरे हैं।
2019 में भारत को मिला था पहला बैच
भारत को फरवरी, 2019 में चिनूक हेलीकॉप्टरों का पहला बैच मिला था। बोइंग ने 2020 में भारतीय वायु सेना को 15 चिनूक हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी पूरी की। अधिकारियों ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि अमेरिकी सेना को हेलीकॉप्टरों में इंजन में आग की घटनाओं के बारे में पता चला, हालांकि इनमें किसी को कोई चोट या मौत नहीं हुई थी।