नई दिल्ली: भारत आज दुनिया के विकसित और ताकतवर देशों के साथ एक मंच पर गर्व के साथ खड़ा नजर आता हैं। भारतीय नेता, उद्योगपति, खिलाड़ी या कोई आम देशवासी हो, सभी को विश्व के अन्य देशों के नागरिकों की तरह ही समान अधिकार मिले हैं। आज भारत जिस मुकाम पर हैं, उसका सबसे बड़ा श्रेय देश की उन वीर शहीदों और क्रांतिकारियों को जाता हैं, जिन्होंने अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों से भारत को आजादी दिलाई।
भगत सिंह को तय तारीख से पहले ही गुपचुप तरीके से दी गई फांसी
आजादी का मतलब क्या हैं, यह हमें इसी मिट्टी में जन्में उन क्रांतिकारियों ने समझाया। जिन्होंने भले ही अपनी जान को हंसते हंसते बलिदान कर दिया लेकिन भारत का गर्व कम नहीं होने दिया। भारत पर कई साल अंग्रेजों ने हुकूमत की। खुद के ही देश में भारतीय अंग्रेजों के नियम कानूनों का पालन करते थे। लेकिन भगत सिंह (Bhagat Singh) और तमाम स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी की लौ को आग बना दिया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला। अंग्रेज भी उनसे डर गए, इसलिए भगत सिंह को तय तारीख से पहले ही गुपचुप तरीके से फांसी दे दी।
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कहा जाता हैं कि जब भगत सिंह को फांसी दी जा रही थी, तो भी उनके चेहरे पर मुस्कान और गर्व था। आज उसी शहीद भगत सिंह की जयंती हैं। 28 सितंबर को जन्मे भगत सिंह के निधन वाले दिन को शहादत दिवस के तौर पर मनाया जाता हैं।
स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई
भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों और भाषणों ने गुलाम भारत के युवाओं को आजादी के लिए उकसा दिया और स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में शामिल किया। भगत सिंह की जयंती के मौके पर जानिए उनके ऐसे ही क्रांतिकारी विचारों के बारे में, जो आप में बढ़ा देंगे देशभक्ति की भावना।