नई दिल्ली: साल के अंतिम सूर्य ग्रहण के बाद आज मंगलवार 08 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) लगने जा रहा हैं। जहां साल का अंतिम सूर्यग्रहण 25 अक्तूबर को लगा था। पहला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 को लगा था। 08 नवंबर को कार्तिक माह की पूर्णिमा (Kartik Purnima) तिथि भी हैं। यह चंद्र ग्रहण भारत में आंशिक सहित कई देशों में देखा जा सकेगा। सूतक सुबह आठ बजकर बीस मिनट से लग जाएंगे। इस दौरान धार्मिक अथवा शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रहण काल के दौरान हमारे आसपास की हर चीज प्रभावित होती हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इस दौरान कुछ खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती हैं। तो आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं को किन बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं क्या करें, क्या न करें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए अशुभ प्रभाव वाला देने वाला होता हैं, इसलिए ग्रहण की अवधि में इनको घर में रहने की सलाह दी जाती हैं।
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटना, कपड़े सीना जैसे कार्य नहीं करने चाहिए। इससे गर्भस्थ शिशु को शारीरिक दोष हो सकता हैं।
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए।
न ही चंद्र ग्रहण के दौरान खाना पकाना चाहिए और ना ही सजना-संवरना नहीं चाहिए।
गर्भवती महिला पर चंद्र ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव न पड़े इसके लिए उन्हें तुलसी का पत्ता जीभ पर रखकर हनुमान चालीसा और दुर्गा स्तुति का पाठ करना चाहिए।
Chhath Puja 2022: छठ पूजा आज से होगी शुरू
चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिला को पवित्र जल से स्नान करना चाहिए, अन्यथा गर्भस्थ शिशु को त्वचा संबधी रोग होने की आशंका होती हैं।
चंद्र ग्रहण के दौरान मानसिक रूप से मंत्र जाप करने से स्वयं के और गर्भस्थ शिशु के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक और उत्तम असर पड़ता हैं।