नई दिल्लीः JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। शरद यादव की बेटी शुभाषिनी यादव ने इसकी जानकारी दी। शुभाषिनी ने ट्वीट में लिखा, ‘पापा नहीं रहे’।
उनकी उम्र 75 साल थी। शरद यादव की तबीयत काफी दिन से खराब चल रही थी। हालत ज्यादा बिगड़ने पर गुरुवार की शाम उन्हें दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात 09 बजे उनका निधन हो गया। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, नीतीश कुमार, लालू यादव, बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा समेत कई नेताओं ने दुख जताया हैं।
शरद यादव उन नेताओं में रहे हैं, जो लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों के साथ रहे। नीतीश कुमार से राजनीतिक रिश्ते खराब होने के बाद शरद यादव अलग-थलग पड़ गए।
गंभीर रूप से बीमार होने की वजह से उनकी राजनीतिक गतिविधियां भी काफी कम हो गई थीं। शरद यादव का पार्थिव शरीर दिल्ली के छतरपुर स्थित उनके निवास स्थान पर रखा जाएगा, जहां लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे। 14 जनवरी को MP के होशंगाबाद स्थित उनके पैतृक गांव बंदाई में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
PM मोदी ने दुख जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया। वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे। मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। शांति।
वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे
शरद यादव ने साल 1999 और 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विभिन्न विभागों में मंत्री रहे थे। साल 2003 में शरद यादव जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अध्यक्ष बने थे।
वह NDA के संयोजक भी रहे। साल 2018 में जदयू से अलग होकर लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) बनाया था। पिछले साल अपनी पार्टी के RJD में विलय की घोषणा कर दी थी।
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शरद यादव का राजनीतिक करियर
उनका राजनीतिक करियर तो छात्र राजनीति से ही शुरू हो गया था, लेकिन सक्रिय राजनीति में उन्होंने साल 1974 में पहली बार जबलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। यह सीट हिंदी सेवी सेठ गोविंददास के निधन से खाली हुई थी।
ये समय जेपी आंदोलन का था। जेपी ने उन्हें हल्दर किसान के रूप में जबलपुर से अपना पहला उम्मीदवार बनाया था। शरद इस सीट को जीतने में कामयाब रहे और पहली बार संसद भवन पहुंचे। इसके बाद साल 1977 में भी वे इसी सीट से सांसद चुने गए। उन्हें युवा जनता दल का अध्यक्ष भी बनाया गया। इसके बाद वे साल 1986 में राज्यसभा के लिए चुने गए।