नई दिल्ली: शुक्रवार को देश की राजधानी दिल्ली प्रदूषण की वजह से धुंध की घनी चादर से ढकी नजर आई। जी हां, राजधानी दिल्ली में दीपावली पर्व के बाद शुक्रवार सुबह हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ से ‘Danger’ श्रेणी में दर्ज की गई। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक गुरुवार शाम 4 बजे तक 382 पर था, जो शुक्रवार सुबह गंभीर श्रेणी में प्रवेश कर गया।
दिल्ली के जनपथ में PM- 2.5 का स्तर 655 से अधिक
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में आज एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) पर पीएम 2.5 कणों का स्तर 600 से 900 के बीच रहा। दिल्ली के जनपथ इलाके में पीएम 2.5 का स्तर 655 से भी ज्यादा मापा गया। वहीं जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में पीएम 2.5 का स्तर 999 मापा गया, जो दिखाता है कि दीपावली के बाद प्रदूषण का स्तर कितना ज्यादा बढ़ गया है। वहीं, दिल्ली में मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक आर के जेनामनी ने कहा- दिवाली की वजह से वायु गुणवत्ता अभी गंभीर श्रेणी में है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अभी कोहरा भी शुरू हो गया है, ऐसे में विजिब्लिटी भी बहुत खराब हो गई है। कल से कोहरे की स्थिति में सुधार की संभावना है।
तापमान अभी ज्यादा कम नहीं होगा
मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक आर के जेनामनी ने यह भी बताया कि मिनिमम टेम्परेचर अभी ज्यादा कम नहीं होगा। आगामी तीन-चार दिन के दौरान यह 13 से 14 के भीतर ही रहेगा क्योंकि एक के बाद एक जो वीक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस होता है वह निकल रहा है।
अभी फॉग और स्मॉग का बन रहा निशान
अभी सेंकड वेस्टर्न डिस्टर्बेंस जम्मू कश्मीर के आसपास है। इसमें हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। इसलिए यह पीरियड प्रदूषण के लिए मीटिरियोलॉजिकल फैक्टर के लिहाज से ऑन फेवर वाला है। ऐसे में हवा भी नहीं और मॉश्चर भी ज्यादा नहीं है। इसकी वजह से ही फॉग और स्मॉग का निशान बन रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में एक जनवरी 2022 तक पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन, गुरुवार को पराली जलाने और पटाखे की वजह से दिल्ली के वायुमंडल में प्रदूषण का स्तर काफी गिर गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार बीते सोमवार को राजधानी का एक्यूआई 281 था, जो गुरुवार तक 382 पर पहुंच गया।
0-50 के बीच AQI को माना जाता है बेहतर
गौरतलब है कि शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को बेहतर माना जाता है, लेकिन 201 से 300 के बीच एक्यूआई आने पर उसे खराब स्थिति में गिना जाता है। जबकि 301 से 400 के बीच की स्थिति को बेहद खराब माना गया है। वहीं, 401 से 500 के बीच एक्यूआई को गंभीर श्रेणी में माना जाता है।
क्या है PM- 2.5
PM- 2.5 वायु में मौजूद कणों के बारे में बताता है। दरअसल, यह कणों के आकार के बारे में बताता है। पीएम 2.5 सबसे छोटे वायु कणों में से होते हैं और इनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर के आसपास होता है। अति सूक्ष्म कण होने की वजह से ये पीएम 2.5 कण आसानी से हमारे शरीर के अंदर चले जाते हैं और हमारे लीवर, लंग्स आदि को प्रभावित करने लगते हैं।