लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हाल ही में उद्घाटन किए गए कुशीनगर हवाई (Kushinagar airport) अड्डे से घरेलू उड़ानों का संचालन 26 नवंबर को आरसीएस-यूडीएएन (क्षेत्रीय संपर्कता योजना-उड़ेदेश का आम नागरिक) के तहत दिल्ली और कुशीनगर के बीच पहली उड़ान के साथ शुरू हो गया। इस मार्ग पर उड़ान संचालन की शुरुआत नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MOCA) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) की प्रतिबद्धता और गंभीरता के अनुरूप है। इसका मकसद देश को उड़ान योजना के तहत बेहतर हवाई संपर्क के लिए सक्षम बनाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 अक्टूबर को कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया था।
कुशीनगर एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थस्थल है। यहीं पर भगवान गौतम बुद्ध को महापरिनिर्वाण की प्राप्ति हुई थी। यह क्षेत्र बौद्ध सर्किट का केंद्र बिंदु भी है, जिसमें लुंबिनी,सारनाथऔर गया के तीर्थ स्थल शामिल हैं। कुशीनगर हवाई अड्डे के संचालन से यह क्षेत्र सीधे राष्ट्रीय और वैश्विक आगंतुकों और तीर्थयात्रियों से जुड़ जाएगा।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने कुशीनगर हवाई अड्डे को उत्तर प्रदेश की सरकार के सहयोग से 260 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 3,600 वर्गमीटर में फैले नए टर्मिनल भवन के साथ विकसित किया है। नया टर्मिनल व्यस्त समय के दौरान 300 यात्रियों को संभालने के लिए तैयार है।
स्पाइसजेट को आरसीएस-उड़ान 4.0 के तहत कुशीनगर-दिल्ली मार्ग दिया गया है। इस मार्ग पर उड़ान संचालन से आतिथ्य, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।