नई दिल्ली: ओमिक्रॉन वैरिएंट में अब तक के सबसे ज्यादा म्यूटेशन पाए गए हैं। यही वजह कि डेल्टा की तुलना में ये वैरिएंट ज्यादा तेजी से फैल रहा हैं। दुनिया भर में बढ़ते मामलों को देखते हुए कई देशों ने अपने यहां तरह-तरह की पांबदियां लगानी शुरू कर दी हैं। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस वैरिएंट के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारियां जुटाने में लगे हैं। वहीं, WHO ने लोगों को इस वैरिएंट के प्रति सतर्क रहने को इस वैरिएंट के प्रति सतर्क रहने को कहा हैं।
WHO के प्रमुख टेड्रोस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘किसी भी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले हमें ज्यादा डेटा की जरूरत होगी। सभी देशों से आग्रह किया हैं कि वो इस पर अपनी नजर बनाए रखें ताकि ओमिक्रॉन के व्यवहार को स्पष्ट तरीके समझने में मदद मिल सके.’ टेड्रोस ने कहा कि भले इसकी गंभीरता कम हो लेकिन इसे लेकर बहुत सतर्क रहने की जरूरत हैं। ‘ उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘किसी भी तरह की लापरवाही से जान भी जा सकती हैं।
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‘ओमिक्रॉन खतरनाक नहीं लेकिन तेजी से फैल सकता हैं’
WHO के इमरजेंसी डायरेक्टर माइकल रयान ने सहमति जताते हुए कहा, ‘अब तक डेटा से पता चलता है कि ये वैरिएंट डेल्टा की तुलना में ज्यादा तेजी से फैल रहा हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं हैं कि इसे रोका नहीं जा सकता। ये वायरस इंसानों के बीच बड़ी कुशलता से फैल रहा हैं और इसलिए हमें सुरक्षित रहने के लिए इसकी चेन को तोड़ने के दोहरे प्रयास करने होंगे। भले ही नया वैरिएंट पिछले की तुलना में कम खतरनाक हो लेकिन अगर यह अधिक तेजी से फैलता हैं तो यह अभी भी ज्यादा लोगों को बीमार कर सकता हैं। ये हेल्थ सिस्टम पर बोझ डाल सकता हैं और ज्यादा लोगों की मौत हो सकती हैं.’।
WHO के विशेषज्ञों ने वैक्सीनेशन पर जोर देते हुए कहा कि भले ही वैक्सीन ओमिक्रॉन के खिलाफ कम प्रभावी हों, जैसा कि कुछ डेटा से पता चलता हैं लेकिन फिर भी ये पर्याप्त सुरक्षा देती हैं और गंभीर बीमारी से बचाती हैं। WHO ने सभी देशों से आग्रह किया है कि वो अपने देशों में वैक्सीनेशन अभियान को तेजी से बढ़ाएं ताकि इस महामारी को फैलने से रोका जा सकें।