फिल्म रिव्यु (Film Review): डायरेक्टर कबीर खान (Kabir Khan) की ’83’ जिस महान सब्जेक्ट पर बेस्ड हैं, उस पर उन्होंने उतना ही महान सिनेमा बनाने में जीत हासिल की हैं। यह आज के दौर की शोले और टाइटेनिक जैसी हैं। उन दोनों की तरह ही इसने भी उतनी ही क्रिटिकली और कमर्शियली उम्दा ऊंचाई हासिल की हैं। 2 घंटे 32 मिनट की लंबी फिल्म में ऐसा एक लम्हा भी नहीं हैं, जहां यह थोड़ी सी भी ढीली पड़ती हैं। यह तो इतना इंस्पायर, इमोशनल और एंटरटेन करती हैं कि उन्हें बताने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं। फिल्म (Film) में इंस्पायर करने वाले ढेर सारे मूमेंट्स हैं। यहां इमोशन की पूरी सुनामी हैं। आंखें नम होती हैं, सिर गर्व से ऊंचा होता रहता हैं। फिल्म देखते वक्त दर्शक भूल जाएं कि वो सिनेमाघर में हैं।
राइटर्स ने बखूबी काम किया हैं:
राइटर सुमित अरोड़ा, वसन बाला, संजय पूरन सिंह चौहान और डायरेक्टर कबीर खान के पास सब्जेक्ट के तौर पर इतना ज्यादा कुछ कहने को था कि उन सब के सुव्यवस्थित संयोजन कर लेने पर ही ऐसी कहानियों पर कमाल की फिल्म बन जाती हैं। ऊपर से क्रिकेट को इस देश में मजहब सा दर्जा प्राप्त हैं। उसकी इबादत जहां कहीं सच्चे दिल से की जाए तो लोगों के सिर सजदे में झुक जाते हैं। इससे पहले ऐसी मिसाल धोनी की बायोपिक और आमिर खान की लगान में हम देख चुके हैं। यहां बात उन दोनों से भी बेहद आगे गई हैं। हुकूमत खेल को सॉफ्ट पॉवर की तरह कैसे यूज करती हैं, वह स्मार्टली यहां देखने को मिलती हैं।
इसे भी पढ़े: Film Review: दर्शको को कैसी लगी “चंडीगढ़ करे आशिकी”, जाने फिल्म नें अब तक कितनी की कमाई
मेकअप और आर्ट डायरेक्टर ने फिल्म में चार चांद लगाए हैं:
उनके इस सफर को सभी एक्टरों का साथ मिला हैं। उनमें चार चांद नेशनल अवॉर्ड विनर मेकअप डायरेक्टर विक्रम गायकवाड, आर्ट डायरेक्टर कोकोरगांवकर तेजस, बिलाल हाशमी और कास्टिंग डायरेक्टरों की टीम ने लगाए हैं। हरेक मैच, वेस्टइंडीज के प्लेयर भी इतने ऑथेंटिकि लगे हैं कि असली नकली का भेद कम हो पाता हैं। रणवीर सिंह ने एक बार फिर अदाकारी का नया कीर्तिमान गढ़ा हैं। कपिल देव के रंग रूप, चाल ढाल से लेकर आवाज तक को उन्होंने असल कपिल देव सा आत्मसात किया हैं। रणवीर हिंदी सिनेमा के धरोहर बनते जा रहे हैं। बतौर टीम मैनेजर मान सिंह पंकज त्रिपाठी फिर से पूरे रंग में नजर आते हैं। कपिल के तौर पर रणवीर पूरी फिल्म में दर्शकों को इमोशनली चार्ज करते हैं।
एक्टर्स ने करियर की बेस्ट परफॉरमेंस दी हैं:
बाकी कलाकारों में एमी विर्क, ताहिर राज भसीन, साकिब सलीम, जतिन सरना, जीवा, चिराग पाटिल, निशांत दाहिया, साहिल खट्टर समेत सबने करियर बेस्ट परफॉरमेंस दी हैं। अच्छी बात यह रही कि दीपिका पादुकोण, बृजेंद्र काला और बोमन इरानी जैसे मंझे हुए कलाकारों ने स्क्रीन टाइम कम रहने के बाद भी पूरी शिद्दत से अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया। एमी विर्क अपना जलवा इससे पहले ‘भुज’ में भी दिखा चुके हैं। फिल्म में असल मोहिंदर अमरनाथ को लाला अमरनाथ के तौर पर दिखाया गया हैं।