दुनिया में नया कोरोना: इसने जान लेना डेल्टा से सीखा और फैलना ओमिक्रॉन से, नाम-डेल्टाक्रॉन

Deltacron corona

दुनिया में नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से आ रही कोरोना( corona) सुनामी के बीच अब एक और नए कोरोना स्ट्रेन ने दस्तक दे दी हैं। साइप्रस के वैज्ञानिकों का दावा हैं कि उनके देश में डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट्स से मिलकर बना कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन डेल्टाक्रॉन (Deltacron) पाया गया हैं। ओमिक्रॉन की वजह से जनवरी के पहले हफ्ते में दुनिया में कोरोना के रिकॉर्ड केस दर्ज किए गए हैं। ऐसे में एक और नए स्ट्रेन ने कोरोना को लेकर दुनिया की टेंशन और बढ़ा दी हैं।

क्या हैं कोरोना का नया स्ट्रेन ‘ Deltacron ‘?

कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन पाया गया गया हैं, जिसे लेकर रिसर्चर्स का दावा हैं कि इसमें डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों वैरिएंट के लक्षण हैं। इसे यूनिवर्सिटी ऑफ साइप्रस के रिसर्चर्स ने ‘डेल्टाक्रॉन’ नाम दिया हैं।

किसने की कोरोना के नए स्ट्रेन की खोज?

कोरोना का नया स्ट्रेन डेल्टाक्रॉन ऐसे समय में पाया गया हैं जब ओमिक्रॉन की वजह से दुनिया भर में कोरोना केसेज बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में एक नया कोरोना स्ट्रेन निश्चित तौर पर एक नई आफत जैसा हैं।

हालांकि, इस नए स्ट्रेन को लेकर स्टडी अभी शुरुआती दौर में हैं। साइप्रस ने 7 जनवरी को ही जिन 25 सैंपल में डेल्टाक्रॉन पाए गए थे, उन्हें जांच के लिए GISAID के पास भेजा हैं। GISAID इंफ्लूएंजा और कोरोना वायरस में परिवर्तन को ट्रैक करने वाला इंटरनेशनल डेटाबेस हैं।

साइप्रस के प्रोफेसर कोस्त्रिकिस ने डेल्टाक्रॉन से खतरे को लेकर कहा हैं कि हमें भविष्य में पता चलेगा कि क्या ये स्ट्रेन अधिक बीमारी पैदा करने वाला हैं, ज्यादा संक्रामक हैं, या क्या ये डेल्टा और ओमिक्रॉन से ज्यादा प्रभावी होगा?

WHO ने डेल्टाक्रॉन पर क्या कहा?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन कोरोना वायरस के हर नए वैरिएंट्स पर नजर रखता हैं और उसकी गंभीरता के हिसाब से उसकी श्रेणी निर्धारित करता हैं। जैसे डेल्टा और ओमिक्रॉन को WHO ने ‘वैरिएंट ऑफ कंसर्न’ घोषित किया हैं, यानी ये दोनों वैरिएंट चिंताजनक श्रेणी मे हैं।

साइप्रस में पाए गए डेल्टाक्रॉन पर WHO ने अब तक कुछ नहीं कहा हैं। यानी, साइप्रस के रिसर्चर्स जिसे डेल्टाक्रॉन स्ट्रेन कह रहे हैं, उसे लेकर अभी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का कोई आधिकारिक बयान आना बाकी हैं।

ल्टाक्रॉन को लेकर उठे सवाल, साइप्रेस के एक्सपर्ट ने दिया जवाब:

कुछ विशेषज्ञों ने साइप्रस के वैज्ञानिकों के डेल्टाक्रॉन वैरिएंट की खोज के दावे पर सवाल उठाए हैं।

लंदन स्थित इंपीरियल कॉलेज के वायरोलॉजिस्ट टॉम पीकॉक ने कहा हैं कि डेल्टाक्रॉन “लैब में हुई तकनीकी गलती” हैं, न कि एक नया स्ट्रेन।

उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन अब तक इतनी बड़ी आबादी में नहीं फैल पाया हैं कि सच में किसी और वैरिएंट से मिलकर नए वैरिएंट का निर्माण कर सके।

उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन को फैले कुछ ही हफ्ते हुए हैं ऐसे में इस बात की संभावना कम हैं कि वह किसी और वैरिएंट के कॉम्बिनेशन से मिलकर नया वैरिएंट बना सके।

वहीं डेल्टाक्रॉन की खोज करने वाली टीम के प्रमुख साइप्रस के प्रोफेसर लियोनडिओस कोस्त्रिकिस ने डेल्टाक्रॉन को ‘लैब एरर’ बताने के दावे को खारिज किया हैं।

उन्होंने कहा कि डेल्टाक्रॉन के सैंपल्स की एक से अधिक देशों में जीनोम सीक्वेसिंग की गई हैं और ग्लोबल डेटाबेस में इजराइल से जमा किए गए कम से कम एक सीक्वेंसें में डेल्टाक्रॉन के जेनेटिक गुण नजर आए थे।

फ्रांस में मिला था एक और वैरिएंट IHU:

29 दिसंबर 2021 को फ्रांस में एक नए स्ट्रेन IHU पाए जाने की बात कही गई। फ्रेंच रिसर्चर्स के मुताबिक नवंबर 2021 में IHU का पहला केस पाया गया था। फ्रांस में इस स्ट्रेन के कुल 12 केस पाए जा चुके हैं।

IHU कोरोना वैरिएंट B.1.640 का सब-लीनेज हैं, जिसे सब-लीनेज B.1.640.2 के रूप में क्लासिफाई किया गया हैं।

IHU में हालांकि 46 म्यूटेशन होने का दावा किया गया हैं, लेकिन फ्रांस के अलावा दुनिया में इसका केस कहीं और नहीं मिला हैं। 25 दिसंबर 2021 के बाद से IHU का कोई नया केस सामने नहीं आया हैं।

IHU को WHO ने वैरिएंट की किसी कैटेगरी में नहीं डाला हैं, हालांकि उसने कहा हैं कि ये उसके रडार पर हैं और उस पर नजर बनाए हुए हैं।

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ओमिक्रॉन+ डेल्टा से बने ‘डेल्मिक्रॉन’ संक्रमण की भी आशंका:

हाल ही में ओमिक्रॉन और डेल्टा से मिलकर बने डेल्मिक्रॉन स्ट्रेन की भी आशंका कुछ एक्सपर्ट जता चुके हैं। दरअसल, डेल्मिक्रॉन कोरोना का नया वैरिएंट नहीं हैं।

कुछ विशेषज्ञों का मानना हैं कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट और ओमिक्रॉन वैरिएंट मिलकर एक ‘सुपर स्ट्रेन’ बना रहे हैं, जिसे डेल्मिक्रॉन कहा जा रहा हैं।

एक ही व्यक्ति में डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों के संक्रमण से पैदा होने वाली स्थिति को ही डेल्मिक्रॉन कहा जा रहा हैं।

एक्सपर्ट्स का मानना हैं कि कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों ही वैरिएंट से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता हैं। ऐसे ही लोगों के अंदर डेल्टा और ओमिक्रॉन के वायरस मिलकर नया सुपर स्ट्रेन डेल्मिक्रॉन बना रहे हैं।

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