Agri-Tech स्टार्टअप्स ने पिछले 4 वर्षों में जुटाए 6,600 करोड़ रुपये

Agri-tech startups raised Rs 6,600 crore in last 4 years

नई दिल्ली: केंद्र सरकार भारत में Agri-Tech को विस्तार देने की हर संभव कोशिशों में जुटी हुई है। हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि भारतीय एग्री-टेक स्टार्टअप्स ने पिछले चार वर्षों में लगभग 6,600 करोड़ रुपये जुटाए हैं। केंद्र सरकार कृषि से जुड़े स्टार्टअप्स के जरिए से किसानों को सशक्त करने के प्रयास कर रही है और यह इस बात का प्रमाण है कि आज एग्री-टेक स्टार्टअप्स के जरिए 6,600 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं ।

कृषि वर्धन निधि से किसान हुए लाभान्वित

केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि वर्धन निधि से केंद्र सरकार लगभग 1000 कृषि तकनीक स्टार्टअप्प से किसानों को मदद कर रही है। केंद्र सरकार तकनीक के जरिए कृषि की विस्तार देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी के आह्वान के अनुरूप, देश की आजादी के 100 वर्ष होने तक देश को पूरी तरह से विकसित करने में कामयाब होना है। आज केंद्र सरकार स्टार्टअप के साथ कंधे से कंधा और कदम से कदम मिलाकर खड़ी हुई है। इसके अलावा मिलेट्स (मोटे अनाज) की उपज को बढ़ाने की दिशा में भी प्रभावी कदम उठा रही है।

एग्रीटेक स्टार्टअप 2022 में इनकी संख्या 1,800 के पार

8 साल पहले मात्र 80-100 कृषि स्टार्टअप थे वहीं 2022 में इनकी संख्या 1800 के पार हो चुकी है, केंद्र सरकार का लक्ष्य 10 हजार करने का है। देश में एग्रीटेक स्टार्टअप की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। आपको बता दें कि, साल 2022 में ही भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम ने नई ऊंचाइयां हासिल की थी। इस दौरान 20 से ज्यादा स्टार्टअप ने यूनिकॉर्न का दर्जा भी हासिल किया और कई और नए स्टार्टअप के आगे आने के साथ-साल 2023 को लेकर नई उम्मीदें हमारे मन में जगाई। आज उन्हीं उम्मीदों पर हमारे देश के युवा काम कर रहे हैं।

ई-नाम व नेफेड जैसी संस्थाओं के साथ एक मार्केटिंग लिंकेज बनाने की योजना

केंद्र सरकार एग्री-टेक स्टार्टअप्स द्वारा विकसित उत्पादों और बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए ई-नाम व नेफेड जैसी संस्थाओं के साथ एक मार्केटिंग लिंकेज बनाने पर विचार कर रही है। साथ ही सभी कृषि स्टार्टअप के लिए एक डेटाबेस तैयार करने और उनके विकास की निगरानी के लिए एक पोर्टल भी विकसित करने का प्लान बना रही है। ताकि कृषि क्षेत्र को राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तर पर बढ़ावा दिया जा सके।

खाद्यान्न के मामले में भारत अच्छी स्थिति में

उल्लेखनीय है कि खाद्यान्न के मामले में भारत बहुत अच्छी स्थिति में है। कृषि उत्पादन के रिकॉर्ड तोड़ अग्रिम अनुमान (323 मिलियन टन) उत्साहित करने वाले हैं। आज लगभग 227 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 205 लाख मीट्रिक टन चावल उपलब्ध है, जो बफर स्टॉक के मानकों से कहीं ज्यादा है। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि हमें कृषि उत्पादों की दृष्टि से अपनी जरूरतें तो पूरी करना ही है, साथ ही जरूरत पड़ने पर दुनिया की आवश्यकताओं की भी पूर्ति करना है। ऐसे में हमें केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही गुणवत्ता पर और ज्यादा ध्यान देना होगा, ताकि वैश्विक मानकों पर और ज्यादा खरा उतर सकें।

आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान

आज जिस तरीके से कृषि क्षेत्र में एग्री-टेक स्टार्टअप्स की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत बहुत जल्द 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा। पीएम मोदी ने लालकिले की प्राचीर से कहा था कि ‘आत्मनिर्भर भारत की एक अहम प्राथमिकता है – आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान’’ है। केंद्र सरकार इस दिशा में कृषि क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने के साथ साथ जरूरी ढांचागत सुविधाओं को विकसित करने पर ध्यान दे रही है।

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