नई दिल्ली: अग्निपथ योजना को लेकर पिछले 4 दिनों से देश हिंसा की आग में झुलस रहा हैं। जगह जगह सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा हैं। इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने Agneepath scheme भर्ती योजना और इंटरनल सिक्योरिटी के मुद्दे पर बात की।
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब युद्ध के तरीके बड़े बदलाव से गुजर रहे हैं। हम आमने सामने की लड़ाई की जगह अदृश्य दुश्मनों से युद्ध की तरफ जा रहे हैं। भारत के आसपास माहौल बदल रहा हैं। तकनीक तेजी से बदल रही हैं। हम कल जो कर रहे थे वो आज भी करते रहें तो हम सुरक्षित रहेंगे यह संभव नहीं हैं। अगर कल की तैयारी करनी हैं तो हमें बदलाव करना होगा।
अग्निपथ एक स्टैंड स्टैंडअलोन योजना नहीं:
उन्होंने आगे कहा- अगर हमें कल की तैयारी करनी हैं तो हमें बदलना होगा। हमें इसे एक खास नजरिए से देखने की जरूरत हैं। अग्निपथ अपने आप में एक स्टैंडअलोन योजना नहीं हैं। 2014 में PM मोदी सत्ता में आए थे, तो भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाना उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक हैं।
अकेले अग्निवीर पूरी आर्मी कभी नहीं होंगे, अग्निवीर सिर्फ पहले 4 साल में भर्ती किए गए जवान होंगे। बाकी सेना का बड़ा हिस्सा अनुभवी लोगों का होगा। जो अग्निवीर नियमित होंगे (4 साल बाद) उन्हें मजबूत ट्रेनिंग दी जाएगी। रेजिमेंट के सिद्धांत के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। जो रेजिमेंट हैं वे रहेंगी।
ग्निपथ योजना को लेकर दो तरह के विरोध प्रदर्शन:
अग्निपथ योजना को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा- इसमें दो तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं, एक तो वे हैं जिन्हें चिंता हैं, उन्होंने देश की सेवा भी की हैं। जब भी कोई बदलाव आता हैं कुछ चिंताएं उसके साथ आती हैं। हम इसे समझ सकते हैं। जो दूसरा वर्ग हैं उन्हें न राष्ट्र से कोई मतलब हैं, न राष्ट्र की सुरक्षा से मतलब हैं। वे समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं। वे ट्रेन जलाते हैं, पथराव करते हैं, प्रदर्शन करते हैं। वे लोगों को भटकाना चाहते हैं।
पिछले 8 साल में बहुत से स्ट्रक्चरल सुधार हुए:
सेना में हो रहे अन्य बदलावों पर अजील डोभाल ने कहा कि पिछले 8 सालों में बहुत सारे स्ट्रक्चरल सुधार हुए हैं। 25 साल से CDS का मुद्दा पड़ा हुआ था। राजनीतिक इच्छाशक्ति न होने के कारण इसको अमल में नहीं लाया जा सका था। आज हमारे डिफेंस एजेंसी की अपनी स्पेस की स्वतंत्र एजेंसी हैं।
आज भारत में बनी AK-203 के साथ नई असॉल्ट राइफल को सेना में शामिल किया जा रहा हैं। यह दुनिया की सबसे अच्छी असॉल्ट राइफल हैं। मिलिट्री इक्विपमेंट में बहुत डेवलपमेंट किए जा रहे हैं।