देश के 9वें सबसे अमीर व्यक्ति Pallonji Mistry का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे शापूरजी पालोनजी ग्रुप के प्रमुख रहे। अरबपति पालोनजी मिस्त्री को देश में इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, एनर्जी, फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में व्यवसाय को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई हैं। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया हैं।
पत्नी की वजह से ले ली थी आयरिश की नागरिकता:
साल 2003 में पालोनजी ने आयरिश नागरिकता लेने के लिए भारतीय नागरिकता छोड़ दी। उन्होंने नागरिकता छोड़ने का आधार अपनी पत्नी के आयरिश नागरिक होने को बनाया था। पालोनजी की बीवी पैट पैट्सी पेरिन डबाश का जन्म सितंबर 1939 में डबलिन के हैच स्ट्रीट नर्सिंग हाउस में हुआ था।
फिर भी पालोनजी का निवास मुंबई में ही रहा। आयरलैंड में फेमिली रिलेशन, घोड़ों से प्यार पालोनजी को वहां खींच लाता था।
5 पेज में सिमटी हैं पालोनजी की बायोग्राफी
2008 में पालोनजी मिस्त्री की लघु आत्मकथा- ‘द मुगल्स ऑफ रियल एस्टेट’ लिखी गई थी जिसके लेखक मनोज नांबुरु थे। मजे की बात यह हैं कि पूरी आत्मकथा को केवल 5 पेज में समेट दिया गया हैं।
कभी मुगल-ए-आजम फिल्म के निर्माण में लगाए थे पैसे:
मुगल-ए-आज़म बनाते वक्त के आसिफ बड़ी तंगी से गुज़र रहे थे। ऐसे में पृथ्वीराज कपूर के सहारे उन्होंने शापूरजी पालोनजी मिस्त्री से संपर्क किया जो इस फिल्म को फाइनेंस करने पर राजी हो गए। लेकिन इस फिल्म का बजट बार-बार बढ़ता ही जा रहा था लेकिन उन्होंने आसिफ पर विश्वास बनाए रखा और वर्षों बाद एक मुकम्मल फिल्म बनकर तैयार हुई।
1950-60 के दशक में इस फिल्म की लागत लगभग 1.5 करोड़ रुपए आई थी। जो कि उस समय की सबसे बड़े बजट की फिल्म थी।
एकांत में रहना पसंद करते थे Pallonji :
पालोनजी मिस्त्री के बारे में कहा जाता हैं कि वे दुनिया के सबसे गुमनाम अरबपति हैं। उनके पास करीब 10 अरब डॉलर (55,000 करोड़ रुपए) की संपदा हैं, लेकिन उन्हें शायद ही कभी किसी सार्वजनिक जगह पर देखा या सुना गया।
पालोनजी के नियंत्रण में ऐसा कंस्ट्रक्शन साम्राज्य हैं जो भारत, पश्चिम एशिया और अफ्रीका तक फैला हैं। 2016 में, उन्हें उद्योगपति के रूप में उनके योगदान के लिए देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
पूरे बिजनेस में काम करते हैं 50,000 लोग:
पालोनजी मिस्त्री की विरासत कैसी और उनका बिजनेस कितना बड़ा हैं, उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता हैं कि उनकी कंपनियों में कुल 50 हजार से ज्यादा लोग काम करते हैं। शापूरजी पलोनजी ग्रुप करीब 50 देशों में अपनी सेवाएं देता हैं।
150 वर्ष से अधिक पुराना, शापूरजी पालोनजी ग्रुप भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक फर्मों में से एक हैं। 1865 में स्थापित, निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी शापूरजी पालोनजी ग्रुप में छह व्यावसायिक खंड – इंजीनियरिंग और निर्माण, बुनियादी ढांचा, रियल एस्टेट, पानी, ऊर्जा और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं।
शहरी लोगों को पिलाया शुद्ध पानी:
यूरेका फोर्ब्स की शुरुआत 1982 में मुंबई से हुई थी। देखते ही देखते यह भारतीय कंपनी मल्टीनेशनल बन गई। अगर कहा जाए कि शापूरजी पालोनजी ग्रुप की इस कंपनी ने ही भारत के शहरी लोगों को शुद्ध पानी पीना सिखाया तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी।