आज वर्ल्ड की सबसे प्रतिष्ठित टाईम्स मैगजीन ने दुनियां के 100 लोगों को जब प्रमुखता से जगह दी तो उसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा भी सबसे ज्यादा चमकता नजर आया। आज मोदी जी का जन्मदिन है, आप जीयें हजारों साल, साल के दिन हो पचास हजार….प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई। प्रधानमंत्री के रूप में आप पिछले आठ सालों से देश के 130 करोड़ लोगों की दिनरात मन में सेवाभाव लिये सेवा करते रहे हैं।
साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यभार को संभाला तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त राजनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई और पूरी दुनिया भर में भारत की प्रतिष्ठा कैसे बढ़ेगी और भारत विश्व राजनीति में किस तरह से हस्तक्षेप करेगा, इस पर जोर दिया। शायद यही वजह है कि अमेरिका को चुनौति देने वाले चीन ने चाहकर भी भारत पर आंख दिखाने की जुर्रत नहीं की तो वहीं पाकिस्तान जैसे देश ने भी भारत के सामने घुटने टेक देने में ही अपनी भलाई समझी। मोदी ने विश्व के सबसे बड़े शक्तिशाली देश अमेरिका को भी अपने कड़े निर्णय से यह बताने की कोशिश की कि बगैर भारत को साथ लिये अमेरिका भी दुनियां पर राज नहीं कर सकता।
मोदी जब शासक से प्रधान सेवक बने तो सबसे पहले उन्होंने आम लोगों को खुद यानी सरकार से जोड़ने के लिये कई ऐसी नीतियां बनाई जिसने आम लोगों से मोदी की सीधे जोङ दिया। तभी तो मोदी का नाम एक ऐसे नेता के रूप में प्रमुखता से लिया जा रहा है जो स्वतंत्र भारत में लोगों के साथ सीधा संवाद कर लोगों को यह बताने की कोशिश की कि आम लोग भी देश के सर्वोच्च पद पर बैठ सकते हैं। मोदी इसे सहजता से कर भी लेते हैं क्योंकि बतौर ‘चाय वाले’ की जिंदगी जीकर उन्होंने एक आदमी की तड़प को काफी नजदीक से समझा है। मोदी की जनधन योजना का ही उदाहरण लें तो देश के लाखों लोगों ने शायद कभी बैंक देखा नहीं था जिन्हें मोदी नें ना सिर्फ बैंक का रास्ता दिखाया बल्कि उनका एकाउंट भी खुलवाकर यह बताने की कोशिश की कि इस देश में एक गरीब का भी अपना अकाउंट हो सकता हैं। मोदी की इस योजना के कारण देश की 30 करोड़ से अधिक जनता को आज प्रतिष्ठा मिली। इतना ही नहीं देश के गरीबों को न केवल स्वास्थ्य सुविधाएं दीं बल्कि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आरोग्य योजना की शुरूआत भी की। इस योजना से आज देश के करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की एक और विशेषता योजनाओं का सरलीकरण है। इतना ही नहीं मोदी ने कई ऐसे फैसले लिये जिससे देश में लाल फिताशाही पर बहुत कुछ अंकुश लगा है।
नरेंद्र मोदी ने औद्योगीकरण पर जोर देकर देश के उद्योग घरानों को मजबूतियां प्रदान की। हालांकि, विपक्ष मोदी के फैसले को लेकर हमेशा विरोध करता रहा और देश को कुछ खास उद्योगपतियों के हाथों में गिरवी रखने का आरोप भी लगाता रहा है। बतौर पीएम मोदी ने किसानों के लिये खुले बाजार की नीतियां बनाई ताकि किसानों को उनकी फसलों का उचित समर्थन मूल्य मिल सके तो वहीं रक्षा के क्षेत्र में भी कई चुनौतिपूर्ण निर्णय लेकर देश की रक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की भरपूर कोशिश की। शायद यही वजह है कि आज भारत विश्व मेंं रक्षा के मामलों में किसी भी देश पर भारी पड़ता दिख रहा है। मोदी ने कुंभ के मेले समाज के सबसे निचले तबके के व्यक्ति का पैर धोकर समाज को यह संदेश देने की कोशिश की कि देश अब मैला ढ़ोनेवाले और अछूत वाले भारत से काफी आगे निकल चुका है।
मोदी ने पार्टी के भीतर और बाहर कई ऐसे निर्णय लिये जो पार्टी को सर्वमान्य नहीं था लेकिन फिर भी मोदी के खिलाफ आज तक विरोध का स्वर मुखर नहीं हो पाया। मोदी ने बीजेपी को फर्श से अर्श पर पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी तो वहीं देश के कई राज्यों में मोदी ने अपने बलबूते सरकार भी बनवाया। बीजेपी के पूराने मेनीफेस्टो के राम मंदिर को भी मोदी ने मूर्त रूप दिया तो वहीं कई कड़े फैसले लेकर खुद को जवाहर और इंदिरा के समकक्ष खड़े करने की कोशिश भी की। हालांकि कोरोना के बाद देश की गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी मोदी के किसी चुनौती से कम नहीं हैं और इससे मोदी का ग्राफ भी पहले की तुलना में गिरा है। लेकिन मोदी के चाहनेवालों को यह पता है कि मोदी है तो मुमकिन है। हालांकि उत्तरप्रदेश सहित देश के 05 राज्यों में होनेवाला विधानसभा चुनाव में मोदी को खुद को एक बार फिर साबित करना होगा…….मोदी जी को न्यूज सिटीज परिवार की तरफ से जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयां।