CBI का तेजस्वी से 9 घंटे तक सवाल-जवाब, जानें पूछताछ के बाद तेजस्वी ने क्या कहा?

CBI questions and answers Tejashwi for 9 hours

नई दिल्ली/पटना: नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से CBI की नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में 09 घंठे तक पूछताछ चली। शनिवार सुबह 11 बजे से शुरू हुई यह पुछताछ रात 08 बजे तक चली। इस दौरान केवल दोपहर को उन्हें एक घंटे की मोहलत लंच करने के लिए दी गई। इसके बाद फिर से दूसरे राउंड की पूछताछ शुरू की गई। बता दें कि बंद कमरे में सीबीआई के अफसरों की टीम ने उनसे लगातार सवालों के बौछार करते रहे और उनके उत्तर जानने का प्रयास किया। पूछे गए सभी सवालों के सारे जवाब को दर्ज किया गया, जो इस केस में दस्तावेजी सबूत के तौर पर आगे उपयोग किए जाएंगे। इस पूछताछ में अंदर जाने की अनुमति CBI के सिर्फ उन्हीं खास अफसरों को थी, जो इस मामले से सीधे तौर पर जुड़े हुए थे।

पूछताछ से संबंधित कोई जानकारी ऑफिशियल तौर पर बाहर नहीं आई है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव से इस घोटाले से संबंधित सभी बातें जानने की कोशिश की गई। उनसे मेसर्स एबी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों में उनके मालिकाना हक से जुड़ी बातों के बारे में जानकारी ली गई। इन कंपनियों में उनके बालिग होने के बाद करोड़ों के लेनदेन किए गए हैं।

04 लाख की कंपनी का 150 करोड़ रुपये के इमारत में दफ्तर

Tejashwi Yadav's attitude got heated on ED's raid, said- 'Will there be respect?

एबी एक्सपोर्ट कंपनी की हैसियत कागज पर महज 04 लाख रुपये है पर इसका नई दिल्ली के पॉश इलाके न्यू फ्रेंड कॉलोनी में 150 करोड़ रुपये के बंगला में कार्यालय है। यह कैसे संभव हुआ। इस घोटाले के पैसे उनके नाम पर ट्रांसफर हुए, क्या इसकी जानकारी उन्हें थी। उनके नाम पर कई संपत्तियों की रजिस्ट्री है, इसके बारे में उन्हें क्या सूचना है। उनके बालिग होने के बाद जितनी संपत्ति उनके नाम पर की गई और इन कंपनियों में बड़ी संख्या में लेनदेन हुए है, इसके बारे में उन्हें क्या कहना है।

मामलू हो कि इस मामले में सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय को पिछले सप्ताह आश्वासन दिया था कि वह तेजस्वी यादव को अभी गिरफ्तार नहीं करेगी। अनुसंधान के दौरान उनसे सिर्फ पूछताछ की जाएगी। इसके बाद तेजस्वी ने नौकरी के बदले जमीन मामले में पूछताछ के लिए 25 मार्च को एजेंसी के समक्ष पेश होने को लेकर सहमति जताई थी। इससे पहले CBI के दो बार 4 मार्च और 11 मार्च को बुलाने पर भी निजी कारणों से वे पेश नहीं हुए थे।

तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के साल 2004 से 2009 के कार्यकाल में बड़ी संख्या में लोगों को अवैध तरीके से रेलवे में बहाली कर दी थी। इस मामले को लेकर सीबीआई ने अलग से एफआईआर करके जांच शुरू की है। इस एफआईआर के मुताबिक अभ्यर्थियों से नौकरी के बदले बड़ी संख्या में जमीन लिखवाई गई थी। ये जमीनें लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के नाम पर भी काफी मात्रा में लिखवाई गई थी। इस मामले में इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पटना स्थित उनके सरकारी आवास में भी पूछताछ हो चुकी है।

पूछताछ समाप्त होने के बाद तेजस्वी ने मीडिया से बात की। उन्होंने फिर कहा कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं। उन पर लगाए गए आरोप निराधर हैं। ये सब कानून के दाव पेंच है। हमने इसमें पूरा सहयोग किया। उन्होंने आगे कहा कि सबको पता है कि यह सब क्यों हो रहा है। उसके बाद तेजस्वी यादव अपने पिता लालू यादव से मिलने बहन मीसा भारती के आवास पर गए।

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