बीजेपी-सपा-बसपा और कांग्रेस के चाणक्य: राजनीतिक पार्टियों के मंचों पर नारा लगाते चेहरों को देख लिया अब पर्दे के पीछे से रणनीति बनाने वालों को जान लीजिए

Congress BJP

यूपी में वोटिंग पूरी हो गई। नेताओं के बयान, पार्टियों की कैंपेनिंग, उनकी रणनीति से जनता कितनी प्रभावित हुई यह नतीजे आने पर समझ आएगा। लेकिन जो अभी समझना हैं वह ये कि पार्टियों के लिए पर्दे के पीछे से बैटिंग कौन कर रहा था? कौन BJP के योगी आदित्यनाथ या फिर अखिलेश यादव को बता रहा था कि फर्क साफ हैं कैंपेन को तवज्जो देना हैं। कौन Congress प्रियंका गांधी को बता रहा था कि ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ कैंपेन से फायदा होगा और कौन था जिसने मायावती के लिए रणनीति तैयार की। आइए हर पार्टी के उन चेहरों के बारे में जानते हैं।

सबसे पहले बात BJP के चेहरों की:

सुनील बंसल: सुनील बंसल बीजेपी की रैलियों में नजर नहीं आते। प्रेस कॉन्फ्रेंस से भी उचित दूरी बनाकर रखते हैं लेकिन यूपी बीजेपी कार्यालय में हमेशा दिख जाएंगे। साल 2013 में उस वक्त के बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ सह-प्रभारी बनकर यूपी आए थे। अब संगठन महामंत्री हैं। प्रत्याशियों के चयन से लेकर बूथ लेवल तक संगठन को मजबूत बनाने का काम करते हैं। चुनाव से पहले ‘100 दिन-100 काम’ योजना उन्हीं के दिमाग की उपज बताई जाती हैं।

लक्ष्मीकांत वाजपेयी: लक्ष्मीकांत रैलियों में नहीं जाते लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी के साथ अक्सर बैठे नजर आते हैं। इसबार उन्हें पार्टी नेताओं की नाराजगी दूर करने और दूसरी पार्टियों के नेताओं को अपने पाले में करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस काम को उन्होंने बखूबी निभाया। मुलायम सिंह यादव की बहु अपर्णा यादव और उनके समधी हरिओम यादव को पार्टी में शामिल करवाने में वही निर्णायक थे।

धर्मेंद्र प्रधान: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र दोहरी जिम्मेदारी निभाते हैं। नेताओं के लिए रैलियां भी करते हैं और संगठन की मजबूती के लिए रणनीति भी तैयार करते हैं। चुनाव से एक साल पहले उन्हें यूपी का प्रभारी बनाकर भेजा गया। पटेल बिरादरी का होने के चलते पार्टी में इस वर्ग के नेताओं से बढ़िया तालमेल बैठाया। बीजेपी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर क्या जाएगा और क्या नहीं जाएगा इसे तय करने में भी उनकी भूमिका अहम बताई जाती हैं।

अब बात सपा के रणनीतिकारों की:

Congress BJP

रामगोपाल यादव: मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई प्रोफेसर रामगोपाल सपा के थिंक टैंक हैं। पार्टी के घोषणा पत्र से लेकर प्रत्याशियों के चयन में उनकी भूमिका रही हैं। 75 साल के होने के कारण वह रैलियों में कम नजर आते। रामगोपाल ने ही कार्यकर्ताओं से ईवीएम के सील होने से लेकर उसके स्ट्रांग रूम तक पहुंचाने और उसकी सुरक्षा में लगे रहने को कहा था।

सुनील साजन: सुनील 2017 के चुनाव में भी रणनीतिकार की भूमिका में थे अब भी हैं। पार्टी विरोधी नेताओं को बाहर करने और दूसरी पार्टी के नेता को जोड़ने के काम में वह आगे रहते हैं। क्राइसिस मैनेजमेंट का काम वह बखूबी निभाते हैं। पार्टी के अंदर नाराज नेताओं को मनाने का जिम्मा अक्सर सुनील साजन को ही दिया जाता हैं।

मनीष जगन अग्रवाल: मनीष सपा के डिजिटल मीडिया हेड हैं। अखिलेश यादव के अकाउंट भी हैंडल करते हैं। “आ रहे हैं अखिलेश, 22 में बाइसकिल” जैसे नारे उनकी टीम की तरफ से आए हैं। डिजिटल प्रचार के लिए सपा ने इसबार 100 से अधिक स्पेशल वीडियो बनवाए। बीजेपी के ‘फर्क साफ हैं’ कैंपेन को इसी हैशटैग के साथ महीनों तक जवाब दिया। ये निर्णय मनीष ही ले रहे थे।

अब बात बसपा की:

Congress BJP

आकाश आनंद: आकाश मायावती के भतीजे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में वह मंच पर नजर आते थे लेकिन 2022 में वह मंच पर आने के बजाय मंच के पीछे से रणनीति तैयार करने में लगे रहे। पार्टी में प्रत्याशियों के चयन से ग्राउंड पर नाराज नेताओं को मनाने का काम आकाश ही करते रहे हैं।

कपिल मिश्रा: कपिल बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे हैं। पेश से वकील कपिल मिश्रा पिछले दिनों बसपा के सभी ब्राह्मण सम्मेलनों में नजर आए थे। पार्टी के यूथ कार्यक्रमों में वह लगातार पहुंचते रहे हैं। मंच पर या फिर मीडिया के सामने कपिल अपनी बात नहीं रखते।

कांग्रेस के लिए रणनीति बनाने वाले लोग:

Congress BJP

कांग्रेस के लिए पर्दे के आगे और पर्दे के पीछे दोनो कमान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने संभाली हैं। भूपेश बघेल को पार्टी ने यूपी चुनाव के लिए प्रभारी बनाया। वह दोहरी जिम्मेदारी को निभाते रहे। रणनीति बनाई, प्रत्याशियों के लिए घर-घर प्रचार किया। सीएम होने के नाते छत्तीसगढ़ को भी संभाले रखा। इसके अलावा दो और नाम हैं।

इसे भी पढ़े: हर EVM का यूनिक नंबर, रिजर्व बैंक लूटने से ज्यादा कठिन हैं इसे बदलना या चुराना

सचिन नायक: सचिन यूपी के नहीं हैं। वह महाराष्ट्र के हैं। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हैं। प्रियंका गांधी ने उन्हें कार्यकर्ताओं को जोड़ने और उन्हें ट्रेनिंग देने का काम सौंपा था। उन्होंने 388 क्षेत्रों में 86 हजार कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देकर उनके जरिए पार्टी के कैंपेन को आगे बढ़ाया।

धीरज गुर्जर: पश्चिमी यूपी के जिलों में कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने का काम धीरज गुर्जर देख रहे हैं। पार्टी नेताओं की नाराजगी के लिए बैठक कर रहे थे। पार्टी के अंदर रणनीति के अलावा स्टार प्रचारक भी हैं। सहारनपुर में गुर्जर पर पैसा लेकर टिकट दिलवाने का भी आरोप लगा था। उन्होंने इसे खारिज कर दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *