कांग्रेस अध्यक्ष के लिए वोटों की गिनती जारी

Congress President election Counting of votes

नई दिल्ली: कांग्रेस Congress अध्यक्ष चुनाव के वोटों की गिनती सुबह 10:00 बजे से नई दिल्ली के 24 अकबर रोड स्थित ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के ऑफिस में शुरू हो गई हैं। ऐसा कहा जा रहा हैं कि शाम 04:00 बजे तक रिजल्ट आ जाएगा।

चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर आमने-सामने हैं, लेकिन रुझानों में खड़गे की जीत तय बताई जा रही हैं, क्योंकि उन्हें गांधी परिवार का समर्थन हासिल हैं। चुनाव में 9900 वोटर्स में से 9500 ने वोट डाले थे। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि खड़गे 90% से ज्यादा वोटों से जीत रहे हैं।

ऐसे होगी काउंटिंग

17 अक्टूबर को वोटिंग के बाद सभी बूथों से मतपेटियां AICC के दफ्तर पर मंगा ली गई थीं। बुधवार को मतगणना शुरू होने से पहले मतपत्रों को मिला लिया जाएगा, ताकि ये पता न चले कि किस उम्मीदवार को किस राज्य से कितने वोट मिले हैं। इसके बाद वोटों की छंटनी होगी, फिर 50-50 वोटों की गडि्डयां बनाकर उनकी काउंटिंग की जाएगी।

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36 पोलिंग स्टेशन पर 67 बूथों में हुई थी वोटिंग

कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी (CEA) ने चुनाव में 36 पोलिंग स्टेशनों पर 67 बूथ बनाए थे। सबसे ज्यादा 06 बूथ UP में थे। हर 200 डेलिगेट्स के लिए एक बूथ बनाया गया था। भारत जोड़ो यात्रा में शामिल राहुल गांधी समेत 47 डेलिगेट्स ने कर्नाटक के बेल्लारी में वोट डाला था। यहां यात्रा के कैंप पर अलग से बूथ बनाया गया था।

आखिरी बार 1998 में वोटिंग से हुआ था चुनाव

कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार साल 1998 में वोटिंग हुई थी। तब सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे। सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, जबकि जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए। सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने पर गांधी परिवार को कभी कोई चुनौती नहीं मिली।

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कांग्रेस को मिलेगा 65वां अध्यक्ष

इस चुनाव में जो भी जीतेगा, वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाला 65वां नेता होगा। इनमें से कई नेता एक से ज्यादा बार भी अध्यक्ष रह चुके हैं। अगर खड़गे ये चुनाव जीतते हैं तो वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता होंगे। बाबू जगजीवनराम कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले पहले दलित नेता थे। आजादी के बाद 75 सालों में 42 साल पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही। वहीं 33 साल पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गांधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही।

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