मुंगेर। मुंगेर के जिले के तारापुर अनुमंडल ब्लॉक में पहले चरण को लेकर नॉमिनेशन देने आ रहे प्रत्याशी एवं प्रत्याशी के समर्थक कोरोना महामारी के बचाव के प्रति सतर्कता किसी स्तर पर नहीं देखी जा रही है। अभ्यर्थी अपने साथ जुलूस की शक्ल में नामांकन कार्यालय के द्वार तक चले आते हैं। शारीरिक दूरी बिल्कुल नहीं रहती है,प्रवेश द्वार पर भी तैनात कर्मी सैनिटाइजर नहीं रखते हैं। मास्क 99 फीसदी लोगों के चेहरे पर नहीं रहती है और जो मास्क लगाते भी हैं तो उनका मास्क केवल दिखाने के लिए होता हैं। नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने वाले कक्ष में भी सैनिटाइजर मास्क का प्रयोग न्यूनतम होता है। नाम-निर्देशन कक्ष और भवन को सैनिटाइज नहीं किया जाता है। भीड़ होने के बावजूद थर्मों स्कैनिंग की सुविधा नहीं है, इससे बचाव के संबंध में किसी प्रकार का प्रचार प्रसार भी सुनाई नहीं पड़ता है।
ब्लेचिंग पाउडर तक का छिड़काव मुख्य सड़क से पुराने प्रखंड कार्यालय होते हुए नामांकन कक्ष भवन के प्रवेश द्वार तक कहीं भी दिखाई नहीं पड़ता है। शासन आमजन चुनाव लड़ने के इच्छुक अभ्यर्थी किसी में भी कोरोना महामारी से बचने के लिए दिए गए दिशा-निर्देश का अनुपालन होता नहीं दिखता है। अपवाद स्वरूप अधिकारी एवं निर्वाचण कार्य में लगे कर्मी मास्क लगाए रहते हैं।
जिलाधिकारी के आगमन की सूचना पर तारापुर के नगर पंचायत कार्यालय में आनन-फानन में कोराना वैक्सिन लगाने को लेकर कैम्प लगाया गया और अनुमंडल पदाधिकारी के अलावा अंचल अधिकारी एवं स्वास्थ्यकर्मी नामांकन कराने एवं भीड की शक्ल में आये लोगों को रोक-रोककर कोरोना का टीका लगाने को प्रेरित कर रहे थे लेकिन ज्यादातर लोगों के पदाधिकारी को यह कह दिया जाता था कि हमने टीका लगवा लिया हैं जिसके बाद पदाधिकारी के पास कोई जवाब नहीं रहता था क्योंकि वे उन्हें यह उक्त वक्त कह नहीं पाते थे कि हमें टीका लेने के बाद प्रमाण पत्र आता हैं उसे दिखाये यानी कुल मिलाकर यह कहा जाए कि कोरोना को लेकर किसी भी प्रकार से ना तो अधिकारी ना ही जनप्रतिनिधि एवं उनके समर्थक सर्त्तक हैं ऐसे में आखिर हम कोरोना की जंग कैसे जीत पायेंगे और कोरोना की तीसरी लहर से हम कैसे बचेंगे यह एक बड़ा सवाल है।