असम मेघालय सीमा विवाद: आज सुलझेगा 50 साल पुराना मसला, दिल्ली में सीमा समझौते पर दस्तखत करेंगे हिमंत बिस्वा सरमा और केके संगमा

dispute Assam Meghalaya

असम और मेघालय Assam Meghalaya की राज्य सरकारें 50 साल पुराने सीमा विवाद dispute को सुलझाने जा रही हैं। दोनों राज्यों के CM हिमंत बिस्वा सरमा और केके संगमा मंगलवार को राजधानी दिल्ली में एक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक समझौते पर असम और मेघालय के मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में दोपहर करीब 3.30 बजे साइन करेंगे।

31 जनवरी को भेजा था प्रस्ताव:

असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों ने गृह मंत्रालय के पास जांच और विचार के लिए एक मसौदा भेजा था। असम और मेघालय की सरकारें 884 किलोमीटर की सीमा पर 12 में से 6 में सीमा विवाद हल करने सहमत हैं। 36.79 वर्ग किमी जमीन के लिए भेजी गई सिफारिशों के मुताबिक असम अपने पास 18.51 वर्ग किमी हिस्सा रखेगा और बाकी 18.28 वर्ग किमी मेघालय को देगा।

दोनों राज्यों के बीच होने जा रहा यह समझौता बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि विवाद बहुत लंबे समय से चल रहा हैं। इसकी शुरुआत 1972 में हुई थी जब मेघालय को असम से अलग कर दिया गया था। नया राज्य बनाने के लिए हुए समझौते में सीमांकन के दौरान ही कई इलाकों को लेकर विवाद सामने आए थे।

सीमा dispute के कारण हुई हिंसक घटनाएं:

14 मई 2010 को असम के कामरूप की सीमा से सटे पश्चिमी खासी हिल्स के लैंगपीह में असम पुलिस के जवानों की गोलीबारी में खासी समुदाय के चार ग्रामीण मारे गए थे। जबकि 12 घायल हो गए थे।

26 जुलाई 2021 को अब तक की सबसे भीषण हिंसा हुई थी। जिसमें असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई थी और दोनों राज्यों के लगभग 100 लोग और सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे।

6 क्षेत्र, जिनके स्वामित्व पर बनी दोनों राज्यों की सहमति:

असम-मेघालय सीमा विवाद से जुड़े 6 क्षेत्र ताराबारी, गिजांग, हाहिम, बोकलापारा, खानापारा-पिलंगकाटा और रातचेरा हैं। जो मेघालय में पश्चिम खासी हिल्स, री-भोई और पूर्वी जयंतिया हिल्स जिलों का और असम की ओर से कछार, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप जिलों का हिस्सा हैं। अंतरराज्यीय सीमा से सटे 36 विवादित गांवों में से 30, जिनका कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 18.29 वर्ग किमी हैं, मेघालय में रहेगा जबकि 18.51 वर्ग किमी असम में जाएगा।

इन पर पड़ेगा समझौते का असर:

हाहिम में मेघालय को 12 गांवों में से 11 गांव मिलेंगे।

री-भोई जिले में बोकलापारा मेघालय में रहेगा।

जुमरीगांव असम के पास चला जाएगा।

पाथरकुची में मेघालय में ही बना रहेगा

मैखुली में मावमारी बील असम में रहेगा।

कब्रिस्तान क्षेत्र मेघालय में रहेगा।

पिलंगकाटा, बारापाथर और मैकोली के कुछ हिस्से मेघालय के साथ रहेंगे।

खानापारा और ड्रीमलैंड रिज़ॉर्ट के असमिया बसे हुए क्षेत्र असम में जाएंगे।

ब्रह्मपुत्र रीयलटर्स क्षेत्र मेघालय के पास रहेंगे।

पूर्वी जयंतिया हिल्स के मालिडोर, रातचेरा और अंपायरडेट मेघालय में रहेंगे।

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