नई दिल्ली: नवरात्र के समापन के साथ ही दशहरा (Dussehra) का पर्व मनाया जा रहा हैं। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन दशहरा का पर्व मनाया जाता हैं। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाते हैं। इस दिन आदर्शवादी प्रभु श्रीराम ने लंकापति रावण को वध करके अहंकार और अधर्म का नाश किया था। दशहरा के पर्व को काफी माना जाता हैं। इस दिन मांगलिंक और शुभ कार्य करना अच्छा मानते हैं। आज के दिन बिना किसी शुभ मुहूर्त को देखे मुंडन, छेदन, भुमि पूजन, नया व्यापार, वाहन आदि खरीदना शुभ माना जाता हैं। इस साल दशहरा के दिन काफी दुर्लभ संयोग बन रहा हैं। जानिए दशहरा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
दशहरा 2022 शुभ मुहूर्त और दुर्लभ योग
विजय मुहूर्त- 04 अक्टूबर दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से अगले दिन 05 अक्टूबर दोपहर 03 बजे तक।
श्रवण नक्षत्र – 04 अक्टूबर 2022 को रात 10:51 से शुरू होकर अगले दिन 05 अक्टूबर 2022 को रात 09:15 तक रहेगा।
रवि योग : 05 अक्टूबर को सुबह 06:30 से रात 09:15 तक।
सुकर्मा योग : 04 अक्टूबर सुबह 11:23 से अगले दिन 05 अक्टूबर सुबह 08:21 तक।
धृति योग : 05 अक्टूबर सुबह 08:21 से अगले दिन 06 अक्टूबर सुबह 05:18 तक।
दशहरा 2022 अशुभ मुहूर्त
राहुकाल- 05 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक
यम गण्ड – सुबह 7:34 से 9:01 तक
कुलिक – सुबह 10:29 से 11:56 तक
दशहरा पर ग्रहों की स्थिति
दशहरे के दिन ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन के कारण हर राशि के जातकों के जीवन पर असर पड़ेगा।
दशहरा के दिन लग्न में कन्या राशि में सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह की युति हो रही हैं।
गुरु बृहस्पति अपनी स्वराशि मीन राशि में बैठे हुए हैं।
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शनि अपनी स्वराशि मकर राशि में बैठे हुए हैं।
मेष राशि में राहु विराजमान हैं।
केतु ग्रह तुला राशि में विराजमान हैं।
मंगल वृषभ में विराजमान रहेंगे।
दशहरा 2022 पूजा विधि
आश्विन मास की दशमी तिथि को सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद इस मंत्र के साथ संकल्प लें।