चुनाव आयोग की सरकार से अपील: एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना बैन करें, ऐसा करने वालों पर जुर्माना लगाएं

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने केंद्र Government से लगभग दो दशक पुराने प्रस्ताव को फिर से लागू करने की अपील की हैं। आयोग ने उम्मीदवारों को एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कानून में संशोधन पर जोर दिया हैं। आयोग ने यह भी कहा कि अगर उम्मीदवार ऐसा नहीं करता हैं तो एक निर्वाचन क्षेत्र को खाली करने और उपचुनाव कराने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए।

हाल ही में कानून मंत्रालय में विधायी सचिव के साथ बातचीत के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने 2004 में पहली बार प्रस्तावित हुए इस संशोधन के लिए जोर दिया।

क्या हैं मौजूदा कानून:

मौजूदा कानून के तहत उम्मीदवार को आम चुनाव, उप-चुनावों और दो साल में होने वाले चुनावों में दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की अनुमति हैं। यदि कोई व्यक्ति एक से अधिक सीटों से निर्वाचित होता हैं, तो वह व्यक्ति केवल उन्हीं सीटों में से एक पर काबिज हो सकता हैं जिस पर उसने जीत हासिल की हैं।

इसके पहले यह संशोधन हुआ:

1996 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन किया गया ताकि किसी व्यक्ति को दो से अधिक सीटों से चुनाव लड़ने से रोका जा सके। संशोधन से पहले उन निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या पर कोई रोक नहीं थी जहां से एक उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता था। पोल पैनल ने 2004 में RP अधिनियम की कुछ धाराओं में संशोधन का प्रस्ताव दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एक व्यक्ति एक समय में एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव नहीं लड़ सकता हैं।

Government पर बढ़ता हैं एक्स्ट्रा खर्च:

पोल पैनल का मानना ​​हैं कि इस जुर्माना राशि में भी बदलाव किया जाना चाहिए। आयोग का मानना ​​हैं कि जब कोई उम्मीदवार दो सीटों से चुनाव लड़ता हैं तो यह जरूरी हैं कि उसे दोनों में से एक सीट खाली करनी पड़े। खाली हुई सीट पर उप-चुनाव कराने के लिए सरकारी खजाने, जनशक्ति और अन्य संसाधनों पर बेवजह आर्थिक बोझ बढ़ता हैं। साथ ही उस क्षेत्र के मतदाताओं के साथ अन्याय भी होता, जहां से उम्मीदवार पद छोड़ता हैं।

इसे भी पढ़े: President Election 2022: आ गया राष्ट्रपति चुनाव के शंखनाद का वक्त, चुनाव आयोग आज करेगा तारीख का एलान

जटिल कानूनी मुद्दों पर सरकार को सलाह देने वाले विधि आयोग ने उम्मीदवारों को एक से अधिक सीटों पर बैन करने के प्रस्ताव का समर्थन किया। हालांकि, विधि विभाग ने चुनाव आयोग के दूसरे प्रस्ताव यानी बायपोल करवाने के लिए खर्च होने वाली रकम जमा करने को खारिज कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *