10 देशों की वायु सेनाओं के बीच शुरू हुआ युद्धाभ्यास ‘Desert Flag’

Exercise 'Desert Flag' started between air forces of 10 countries

दुबई: 10 देशों की वायु सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास ‘Desert Flag’ शुरू हुआ है। इस सेना अभ्यास में भारतीय वायु सेना ने भी हिस्सा लिया। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) वायुसेना की मेजबानी में अल ढफरा एयरबेस पर सोमवार से ‘डेजर्ट फ्लैग’ युद्धाभ्यास का आठवां संस्करण शुरू हुआ है। इस युद्धाभ्यास की खासियत की बात करें तो इस बार भारत का लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस पहली बार देश के बाहर पहले अंतरराष्ट्रीय हवाई अभ्यास में हिस्सा ले रहा है।

भारत की टुकड़ी में पांच LCA तेजस, दो सी-17 ग्लोबमास्टर और 110 हवाई योद्धा शामिल

इस दौरान वायु सेना के पांच LCA तेजस और दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमान मध्य पूर्व एशिया के आसमान में करतब दिखाएंगे। भारतीय वायु सेना 110 हवाई योद्धाओं के साथ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल ढफरा एयरबेस में एक्सरसाइज डेजर्ट फ्लैग में भाग लेने पहुंची है।

कब तक चलेगा यह युद्धाभ्यास ?

‘डेजर्ट फ्लैग’ युद्धाभ्यास का आठवां संस्करण 17 मार्च तक चलेगा। एक्सरसाइज डेजर्ट फ्लैग बहुपक्षीय वायु अभ्यास है, जिसमें फ्रांस, कुवैत, ऑस्ट्रेलिया, यूके, बहरीन, मोरक्को, स्पेन, कोरिया गणराज्य और यूएसए की वायु सेनाएं भाग ले रही हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य विविध लड़ाकू क्षमताओं में भाग लेकर अन्य देशों की वायु सेनाओं से एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखना है।

क्या है इसका प्रयोजन ?

इस अभ्यास का प्रयोजन गठबंधन सेनाओं का व्यावसायिक उद्देश्य उजागर करना, सामरिक क्षमताओं को तेज करना और भाग लेने वाली वायु सेनाओं के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने के साथ-साथ अंतर-क्षमता को बढ़ाना है। इसमें भाग लेने वाले विमानों के चालक दल और विशेषज्ञ पर्यवेक्षकों का उद्देश्य एक साथ काम करने वाले बहुराष्ट्रीय बलों के लिए परिचालन वातावरण का माहौल बनाना है। अभ्यास के दौरान वायु सेनाएं विभिन्न प्रकार के विमानों को शामिल करते हुए एक साथ कई मिशनों की ओर उड़ान भरेंगी। भारतीय वायु सेना भी दिन और रात के सभी नियोजित मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए तैयार है।

भारतीय वायु सेना ने देश का नाम किया रोशन

संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेना मेजबानी करते हुए अभ्यास में भाग लेने वाली वायुसेनाओं को सभी नियोजित गतिविधियां समय से पूरी करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेंगी। भारतीय वायु सेना सहित प्रतिभागी वायुसेनाओं को ज्ञान, अनुभव, सामरिक क्षमताओं को बढ़ाने और अंतरसंचालनीयता बढ़ाने का एक अनूठा अवसर मिलेगा। इस युद्धाभ्यास ने भाग लेने वाली वायुसेनाओं की पेशेवर क्षमताओं को बढ़ाने का यह सुनहरा मौका है। गौरतलब है कि पिछले दशक में भारतीय वायु सेना ने नियमित रूप से बहुराष्ट्रीय सामरिक युद्धाभ्यासों की मेजबानी की है या उनमें भाग लेकर दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वायु सेनाओं के रूप में भारत का नाम रोशन किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *