नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) महिला अधिकारियों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए पहली बार कमांड भूमिकाओं के लिए 30 से ज्यादा महिला अधिकारियों को मंजूरी दी है। भारतीय सेना ने 108 महिला अधिकारियों को कर्नल रैंक पर पदोन्नत करने के लिए आर्मी बोर्ड गठित कर दिया है। इसके अलावा महिला अधिकारियों को भारतीय सेना की कोर ऑफ आर्टिलरी में कमीशन देने का फैसला लिया है। इस बारे में एक प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है, जिस पर सेनाध्यक्ष ने जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई है। महिला अधिकारियों को कर्नल रैंक पर प्रमोशन से जुड़े बड़े फैसलों के बीच आइए जानते हैं भारतीय सेना में महिलाएं किन प्रक्रियाओं के माध्यम से ऑफिसर बन सकतीं हैं…
ऑफिसर के रूप में भारतीय सेना में अवसर
दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली भारतीय सेना में ऑफिसर बनने के लिए महिलाओं को कई मौके मिलते हैं। भारतीय सेना तीन तरह से महिलाओं को अधिकारी के रूप में शामिल कर देश की सुरक्षा से जुड़ी अहम जिम्मेदारी देती है। महिलाएं भारतीय सेना में अधिकारी के रूप में NDA, NCC स्पेशल एंट्री और CDS एंट्री से शामिल हो सकती हैं। एक योद्धा के रूप में भारतीय सेना में अधिकारी बनना, देश की सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी निभाना है।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA)
भारतीय सेना में शामिल होने के लिए जरूरी योग्यता पूरी करने वाली देश का कोई भी महिला नागरिक एनडीए के लिए आवेदन करके भारतीय सेना परिवार का हिस्सा हो सकती हैं। महिलाएं लोक संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित परीक्षा देकर एनडीए में शामिल हो सकती हैं। यह परीक्षा पूरे भारत के सभी प्रमुख शहरों में साल में दो बार आयोजित की जाती है। साढ़े 16 से साढ़े 19 वर्ष के भारतीय नागरिक एनडीए के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। एनडीए में आवेदन करने की शैक्षिक योग्यता भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के साथ 10+2 निर्धारित की गई है, अंतिम वर्ष में उपस्थित होने वाले छात्र भी आवेदन करने के पात्र हैं। इसके लिए आवेदन UPSC द्वारा जारी की जाती है, इसके लिए www.upsc.gov.in पर जाकर जानकारी ली जा सकती है। इस प्रक्रिया के तहत चयनित उम्मीदवारों को
CDS एंट्री से भी मिलता है मौका
महिलाओं को दूसरा मौका CDS एंट्री के रूप में मिलती है। इसके लिए महिलाएं में शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के लिए CDS एंट्री के माध्यम से आवेदन कर सकती हैं।CDS का एप्लीकेशन फॉर्म एक साल में दो बार अगस्त और अक्टूबर के महीने में आता है। CDS एग्जाम और इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी करने के बाद महिलाओं को पोस्टिंग लेफ्टिनेंट ऑफिसर रैंक पर होती है। CDS का एग्जाम देने के लिए उम्मीदवार का कम से कम ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। अंतिम वर्ष के छात्र भी आवेदन करने के लिए पात्र हैं, बशर्ते उनके पास डॉक्युमेंट परीक्षण के समय कोई बैकलॉग न हो और विज्ञापन में निर्धारित समय पर विश्वविद्यालय द्वारा जारी डिग्री प्रमाण पत्र दिखा सकें।
NCC स्पेशल एंट्री (महिलाओं के लिए)
नेशनल कैडेट कोर के आर्मी विंग सीनियर डिवीजन ‘सी’ सर्टिफिकेट पास महिला उम्मीदवार भारतीय सेना की फ्लाइंग ब्रांच में आवेदन कर सकती हैं। स्पेशल एंट्री प्रवेश के इस माध्यम से महिलाएं जरूरी प्रक्रिया पूरी कर भारतीय सेना में शामिल हो सकती हैं। सेना द्वारा जून और दिसंबर के महीनों में एनसीसी विशेष प्रवेश के लिए विज्ञापन जारी किया जाता है, उम्मीदवार एनसीसी स्पेशल एंट्री के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। NCC स्पेशल एंट्री की शैक्षिक और अन्य योग्यता CDS के समान ही निर्धारित किया गया है बशर्ते उनके पास एनसीसी आर्मी विंग सीनियर डिवीजन ‘सी’ प्रमाण पत्र हो जिसकी वैधता विज्ञापन की तारीख से दो साल पहले का होना चाहिए। तीनों तरीकों में चयनित महिलाओं की पोस्टिंग लेफ्टिनेंट ऑफिसर रैंक पर होती है।
अग्निवीरों के पहले बैच के साथ PM Modi का संवाद, कहा- भविष्य के लिए गेम चेंजर साबित होगी अग्निपथ योजना
महिलाओं का किस रैंक पर होता है कमीशन
भारतीय सेना दुनिया की टॉप पांच सेवाओं में गिनी जाती है। जिसमें कुल 9 ऑफिसर रैंक होती है। इन श्रेणियों के अंतर्गत इंडियन आर्मी को रैंक दिए जाते हैं। लेफ्टिनेंट कमीशन रैंक में सबसे पहला पद है। इनकी वर्दी पर 2 स्टार लगे होते हैं। लेफ्टिनेंट आईएमए, ओटीए से ट्रेनिंग करते हैं उसके बाद उन्हें लेफ्टिनेंट का ही रैंक प्राप्त होता है। इसके बाद उनका आगे प्रमोशन होता रहता हैं। लेफ्टिनेंट रैंक से कर्नल की रैंक तक पहुंचने के लिए तीन और ऑफिसर रैंक पर सेवाएं देने होते हैं, जिसमें कैप्टन, मेजर और लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक शामिल हैं। हालांकि, ये सारे पद पुरुषों के लिए भी समान रूप से उपलब्ध होती हैं।