Ganesh Chaturthi: भगवान गणेश को क्यों कहते हैं गजानन और एकदंत..

Ganesh Chaturthi: Why Lord Ganesha is called Gajanan or Ekadanta

मुंबई: गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) की धूम देशभर में नजर आती हैं। गणेश जी को समर्पित यह त्योहार आज से मनाना शुरू हो गया हैं। भगवान गणेश को गजानन, बप्पा, विघ्नहर्ता या एकदंत भी कहा जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर श्रीगणेश एकदंत क्यों कहलाए। जानिए इस रोचक कथा के बारे में।

भगवान श्रीगणेश कैसे कहलाएं गजानन

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार नंदी से माता पार्वती की किसी आज्ञा के पालन में ऋुटि हो गई। जिसके बाद माता से सोचा कि कुछ ऐसा बनाना चाहिए, जो केवल उनकी आज्ञा का पालन करें। ऐसे में उन्होंने अपने उबटन से एक बालक की आकृति बनाकर उसमें प्राण डाल दिए। कहते हैं कि जब माता पार्वती स्नान कर रही थीं तो उन्होंने बालक को बाहर पहरा देने के लिए कहा। माता पार्वती ने बालक को आदेश दिया था कि उनकी इजाजत के बिना किसी को अंदर नहीं आने दिया जाए।

भगवान शिव के गण आए तो बालक ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। इसके बाद स्वयं भगवान शिव आए तो बालक ने उन्हें भी अंदर नहीं जाने दिया। इस बात से भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने बालक का सिर धड़ से अलग कर दिया। माता पार्वती जब बाहर आईं तो वह यह सब देखकर क्रोधित हुईं। उन्होंने उनके बालक को जीवित करने के लिए कहा। तब भगवान शिव ने एक हाथी का सिर बालक के धड़ से जोड़ दिया।

Ganesh Chaturthi: Why Lord Ganesha is called Gajanan or Ekadanta

परशुराम ने तोड़ दिया था गणेशजी का एक दांत

भगवान शंकर और माता पार्वती अपने कक्ष में विश्राम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी को भी न आने दें। तभी भगवान शिव से मिलने के लिए परशुराम जी आए। लेकिन गणेश जी से भगवान शिव से मिलने से इनकार कर दिया। इस पर परशुराम जी को गुस्सा आ गया और उन्होंने अपने फरसे से गणेश जी का एक दांत तोड़ दिया। तभी से भगवान गणेश एकदंत कहलाए।

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