नई दिल्ली: गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सुंदर पिचाई (Google CEO Sundar Pichai) को पद्म भूषण से नवाजा गया है। ये सम्मान उन्हें अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने दिया। उन्हें ट्रेड एंड इंडस्ट्री कैटेगरी में साल 2022 के लिए पद्म भूषण दिया गया। सम्मानित होने पर पिचाई ने कहा- भारत मेरा एक हिस्सा है। मैं जहां भी जाता हूं, इसे अपने साथ ले जाता हूं।
शुक्रवार को सैन फ्रांसिस्को में परिवार के करीबी सदस्यों की उपस्थिति में पुरस्कार प्राप्त किया। पिचाई ने अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू से पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा कि मैं इस अपार सम्मान के लिए भारत सरकार और भारत के लोगों का बहुत आभारी हूं।
2019 से गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के CEO
सुंदर पिचाई साल 2019 से गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के CEO हैं। सुंदर पिचाई साल 2014 में गूगल के हेड बने थे। 50 साल के पिचाई का जन्म तमिलनाडु के मदुरै में 10 जून, 1972 को हुआ था।
चेन्नई में पले-बढ़े हैं पिचाई
सुंदर पिचाई तमिलनाडु के चेन्नई में पले-बढ़े हैं और आईआईटी से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनवर्सिटी से मास्टर्स किया और फिर व्हॉर्टन स्कूल से एमबीए किया है। साल 2004 में उन्होंने गूगल में नौकरी शुरू की थी।
पद्म भूषण भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार
पद्म भूषण भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है। इससे पहले भारत रत्न और पद्म विभूषण का नंबर आता है। इसकी शुरुआत 1954 में हुई थी। यह अवॉर्ड हर साल प्रधानमंत्री द्वारा चयनित पद्म पुरस्कार समिति द्वारा दिया जाता है।
नॉमिनेशन की प्रक्रिया सभी लोगों के लिए खुली है और यहां आकर अपना नॉमिनेशन खुद किया जा सकता है। पद्म पुरस्कार साल 1954 में स्थापित किए गए थे और हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर हर साल घोषित किए जाते हैं।
जनवरी में हुआ था पद्म पुरस्कारों का ऐलान
केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया। तब कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्या नडेला, गूगल की पैरेंटल कंपनी अल्फाबेट के CEO सुंदर पिचाई, पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता रहे।
बुद्धदेव भट्टाचार्य और देश को कोरोना की वैक्सीन देने वाले भारत बायोटेक के फाउंडर कृष्णा एल्ला-सुचित्रा एल्ला और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के प्रमुख सायरस पुनावाला को पद्म भूषण से सम्मानित करने का ऐलान किया गया था।