सौर ऊर्जा के विश्वव्यापी विद्युत ग्रिड से सर्वसुलभ होगी हरित ऊर्जा: PM Modi

Green energy will be universally accessible from the worldwide electricity grid of solar power: PM Modi

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कहा है कि ‘एक सूर्य, एक विश्व, एक विद्युत संजाल’ (वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड) पहल के शुभारम्भ से उनकी सौर ऊर्जा का भरपूर उपयोग करने की वर्षों पुरानी परिकल्पना को आज साकार रूप मिला है। ‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन’ और ब्रिटेन की ‘हरित विद्युत संजाल (ग्रिड)’ पहल के कारण यह संभव हो सका है।

सौर परियोजनाएं आर्थिक दृष्टि से होंगी उपयोगी

पीएम मोदी ने कहा कि एक विश्वव्यापी विद्युत संजाल (ग्रिड) से स्वच्छ ऊर्जा दुनिया में हर जगह और हर समय मिल पाएगी। इससे भण्डारण की आवश्यकता भी कम होगी और सौर परियोजनाएं आर्थिक दृष्टि से उपयोगी हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि जितनी ऊर्जा पूरी मानव जाति साल-भर में उपयोग करती है, उतनी ऊर्जा सूर्य एक घंटे में धरती को देता है।

जीवाश्म ऊर्जा से कई देश समृद्ध हुए, किंतु हमारी धरती निर्धन हो गई

पीएम मोदी ने ग्लास्गो (ब्रिटेन) में ‘स्वच्छ प्रौद्योगिकी नवाचार और विकास’ सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनिया में औद्योगिक क्रान्ति कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस जैसी जीवाश्म ऊर्जा पर आधारित थी। इस ऊर्जा से कई देश तो समृद्ध हुए, किन्तु हमारी धरती और हमारा पर्यावरण निर्धन हो गए। ऊर्जा हासिल करने की होड़ ने भू-राजनीतिक तनाव भी पैदा किये। सूर्य से ही उत्पन्न हुआ है सभी कुछ पीएम मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा एक बेहतरीन विकल्प है जिसका उपयोग प्रौद्योगिकी की मदद से आज संभव है। पीएम मोदी ने भारतीय वांग्मय को उद्धृत करते हुए कहा कि हमारे यहां हजारों वर्ष पूर्व, सूर्योपनिषद में कहा गया है,‘सूर्याद् भवन्ति भूतानि, सूर्येण पालितानि तु’ अर्थात, सब कुछ सूर्य से ही उत्पन्न हुआ है, सबकी ऊर्जा का स्रोत सूर्य ही है और सूर्य की ऊर्जा से ही सबका पालन होता है। पृथ्वी पर जब से जीवन उत्पन्न हुआ, तभी से सभी प्राणियों का जीवन चक्र, उनकी दिनचर्या, सूर्य के उदय और अस्त से जुड़ी रही है।

प्राकृतिक कनेक्शन है जरूरी

पीएम मोदी ने आगे कहा जब तक यह प्राकृतिक कनेक्शन बना रहा, तब तक हमारी धरती भी स्वस्थ रही। लेकिन आधुनिक काल में मनुष्य ने सूर्य द्वारा स्थापित चक्र से आगे निकलने की होड़ में, प्राकृतिक संतुलन को भंग किया और अपने पर्यावरण का बड़ा नुकसान भी कर लिया। उन्होंने कहा कि अगर हमें फिर से प्रकृति के साथ संतुलित जीवन का संबंध स्थापित करना है, तो इसका रास्ता हमारे सूर्य से ही प्रकाशित होगा। मानवता के भविष्य को बचाने के लिए हमें फिर से सूरज के साथ चलना होगा।

‘एक सूर्य, एक विश्व और एक ग्रिड’ में है सौर उर्जा की उपलब्धता का हल

पीएम मोदी ने कहा कि सौर उर्जा की उपलब्धता मौसम पर निर्भर है और इस चुनौती का हल ‘एक सूर्य, एक विश्व और एक ग्रिड’ में है। एक विश्वव्यापी ग्रिड से स्टोरेज की आवश्यकता भी नहीं होगी और सौर परियोजनाओं की व्यवहार्यता भी बढ़ेगी। इस रचनात्मक पहल से कार्बन फुटप्रिंट और ऊर्जा की लागत तो कम होगी और अलग-अलग क्षेत्रों तथा देशों के बीच सहयोग का एक नया मार्ग भी खुलेगा। उन्हें विश्वास है कि ‘वन-सन : वन-वर्ल्ड : वन-ग्रिड और ग्रीन-ग्रिड-इनिशिएटिव’ के सामंजस्य से एक संयुक्त और सुदृढ़ वैश्विक ग्रिड का विकास हो पायेगा।

इसरो, विश्व को देगा एक सोलर कैलकुलेटर एप्लीकेशन

इस दौरान पीएम मोदी ने घोषणा की है कि भारत की अंतरिक्ष स्पेस एजेंसी इसरो, विश्व को एक सोलर कैलकुलेटर एप्लीकेशन देगी। इस कैलकुलेटर से, सैटेलाइट डेटा के आधार पर विश्व की किसी भी जगह की सोलर पावर पोटेंशियल मापी जा सकेगी। यह एप्लीकेशन सोलर प्रोजेक्ट्स का स्थान निर्धारित करने में उपयोगी।

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