नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट सर्च इंजन कम्पनी गूगल (Google) पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। सीसीआई ने यह जुर्माना, गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम के बाजार में मजबूत स्थिति का गलत फायदा उठाने को लेकर लगाया है। अलावा इसके सीसीआई ने प्रमुख इंटरनेट कंपनी को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने और बंद करने का निर्देश दिया है।
कामकाज को ठीक करने का निर्देश
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) ने प्रमुख इंटरनेट कंपनी को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने और बंद करने का निर्देश दे दिया है। नियामक ने बृहस्पतिवार को आधिकारिक बयान में कहा कि गूगल को एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपने कामकाज के तरीके को संशोधित करने को निर्देशित किया है।
सीसीआई ने अपने आधिकारिक ट्वीटर (Twitter) अकॉउंट पर पोस्ट करके जानकारी दी है। नियामक ने पोस्ट में लिखा कि “एंड्रायड मोबाइल डिवाइस ईकोसिस्टम में कई बाजारों में स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर जुर्माना लगाया गया है।”
इसलिए लगा जुर्माना
CCI ने कहा कि अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने का आदेश जारी करने के अलावा एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण पारिस्थितिकी तंत्र में कई बाजारों में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सीसीआई ने कहा कि एमएडीए के तहत गूगल मोबाइल सूट (GMS) को अनिवार्य रूप से पहले से इंस्टॉल करना उपकरण निर्माताओं पर अनुचित स्थिति थोपने के बराबर है, और इस तरह यह प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करता है।
प्रेस रिलीज में CCI ने कहा कि मोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (MADA) के तहत संपूर्ण Google मोबाइल सूट (GMS) की अनिवार्य प्री-इंस्टॉलेशन, इसे अनइंस्टॉल करने का कोई विकल्प नहीं है।
जानकारी के लिए बता दें इसी साल अगस्त माह में ऐपल, गूगल, अमेजन, नेटफ्लिक्स और माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों की भारतीय इकाइयों के प्रतिनिधियों को नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में कहा गया था कि इन कंपनियां का नाम डिजिटल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और इसकी जांच होना जरूरी है। इसकी जांच के लिए यंत सिन्हा की अध्यक्षता में वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति का गठन भी किया गया था। ये समिति कॉम्पिटिशन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जांच कर रही थी।
आपको बताते चले कि अप्रैल 2019 में, ट्रेड रेगुलेटर ने देश में एंड्रॉइड-आधारित स्मार्टफोन के कंज्यूमर्स की शिकायतों के बाद मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए थे। एंड्रॉयड दरअसल स्मार्टफोन और टैबलेट के मूल उपकरण निर्माताओं (OEM) द्वारा स्थापित एक ओपन-सोर्स, मोबाइल ऑपरेटिंग प्रणाली है। अनुचित व्यावसायिक प्रथाओं के आरोप मोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (एमएडीए) और एंटी फ्रैगमेंटेशन एग्रीमेंट (AFA) जैसे दो समझौतों से संबंधित हैं।
साल 2018 में लगा था जुर्माना
इससे पहले CCI आदेश के मुताबिक, 8 फरवरी 2018 में भी गूगल पर 135.86 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। उस समय भी इसके पीछे सीसीआई ने गूगल को ऑनलाइन सर्च और विज्ञापन बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग का दोषी पाया था।