नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत ने कोरोना (Corona) के दौरान टीकाकरण अभियान चलाकर 34 लाख लोगों की जान बचाई। यह अभियान सिर्फ लोगों की जान बचाने के लिए शुरू किया गया था। इस दौरान सरकार ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया।
वहीं, 40 लाख कामगारों को काम दिया। वे कोरोना टीकाकरण और उससे जुड़े आर्थिक प्रभाव पर ‘द इंडिया डायलॉग’ सत्र को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट का हवाला देकर यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में 30 जनवरी को कोरोना अंतरराष्ट्रीय चिंता दिवस घोषित किया हैं लेकिन इससे बहुत पहले भारत में पीएम मोदी ने कोरोना महामारी के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया था। देश ने कोरोना से निपटने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया।
लॉकडाउन का फैसला था महत्वपूर्ण
डॉ. मंडाविया ने कहा कि रिपोर्ट में पीएम मोदी की ओर से लिए गए लॉकडाउन के फैसले को महत्वपूर्ण फैसला बताया गया। इस दौरान देश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने पर काम किया गया। लोगों को N-95 मास्क, पीपीई किट और मेडिकल ऑक्सीजन का स्टॉक पर फोकस किया गया। ई-संजीवनी और आरोग्य सेतु जैसे डिजिटल समाधानों की शुरुआत की गई। वहीं, वायरस के उभरते रूपों की जीनोमिक निगरानी के लिए 52 प्रयोगशालाओं का नेटवर्क तैयार किया गया था।
सरकार के राहत पैकेजों से मिली राहत
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि रिपोर्ट में महामारी के दौरान सरकार की ओर से शुरू किए गए राहत पैकेजों की भी सराहना की गई। इनको लेकर केंद्र, राज्यों और जिला स्तरों पर अच्छा तालमेल रहा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिला। कोरोना काल के दौरान छोटे उद्योगों को सहायता देने के लिए एक करोड़ से अधिक एमएसएमई को सहायता दी गई, जिसके ऊपर 100.26 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक प्रभाव पड़ा जो GDP का करीब 4.90% हैं।
800 मिलियन लोगों को मुफ्त अनाज दिया गया
कोरोना काल में सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की, जिससे देश का कोई नागरिक भूखा न सोए। इसके तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन बांटा गया।जिससे करीब 26.24 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक प्रभाव पड़ा।
अलावा इसके पीएम गरीब कल्याण रोजगार अभियान के शुभारंभ ने प्रवासी श्रमिकों को तत्काल रोजगार और आजीविका के अवसर प्रदान करने में मदद की। योजना के माध्यम से 04 मिलियन लाभार्थियों को रोजगार प्रदान किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 4.81 बिलियन अमेरिकी डॉलर का समग्र आर्थिक प्रभाव पड़ा।