नई दिल्ली: राष्ट्रीय समर स्मारक (National War Memorial) 25 फरवरी को अपनी चौथी वर्षगांठ मना रहा है। इस दिन को यादगार बनाने के लिए चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के चेयरमैन, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) एयर मार्शल बी.आर. कृष्णा, उप थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल एम.वी. सुचिंद्र कुमार, नौसेना स्टाफ के कार्यवाहक वाइस चीफ वाइस एडमिरल किरण देशमुख और उप प्रमुख के साथ एयर स्टाफ एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने प्रतिष्ठित स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रीय समर स्मारक स्वतंत्रता के बाद से देश के बहादुर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदानों की गवाही देता है। इस स्मारक को 25 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया था। देशभक्ति, साहस, बलिदान और कर्तव्य के प्रति समर्पण की भावना पैदा करने के उद्देश्य से बहादुर सैनिकों के वीरतापूर्ण कार्यों को अधिक से अधिक लोगों, विशेषकर युवाओं तक ले जाने के लिए सरकार द्वारा कई पहल की गईं। इस पहल को देश की जनता द्वारा उत्साहजनक प्रतिक्रिया दी गई है।
डिजिटल श्रद्धांजलि
आम लोगों द्वारा शहीद नायकों को डिजिटल श्रद्धांजलि देने के लिए स्मारक के आसपास इंटरएक्टिव स्क्रीन लगाई गई थीं। 25 फरवरी, 2022 से सभी क्षेत्रों से आने वाले 24.94 लाख आगंतुकों द्वारा 12.76 लाख डिजिटल श्रद्धांजलि अर्पित की गईं।
छात्रों के लिए निर्देशित पर्यटन
राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा में सशस्त्र बलों के योगदान को पहचान देने और युवाओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय समर स्मारक में स्कूली छात्रों के लिए निर्देशित पर्यटन आयोजित किए जा रहे हैं। पिछली वर्षगांठ के बाद से, 1.80 लाख से अधिक छात्रों की संख्या वाले 1,460 से अधिक स्कूलों ने इस स्मारक का दौरा किया है।
स्कूल बैंड प्रदर्शन
राष्ट्रीय समर स्मारक देशभक्ति की भावना पर आधारित स्कूल बैंड प्रदर्शन भी आयोजित करता रहा है। अब तक, 832 प्रतिभागियों के साथ 70 से अधिक स्कूलों ने अपनी संगीत प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय समर स्मारक के वेब पोर्टल पर बैंड प्रदर्शन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा हेतु एक ऑनलाइन फॉर्म-आधारित प्रक्रिया शुरू की गई है।
श्रद्धांजलि समारोह
प्रतिष्ठित राष्ट्रीय समर स्मारक में शाश्वत लौ जल रही है जो एक सैनिक द्वारा कर्तव्य की पंक्ति में किए गए सर्वोच्च बलिदान का उदाहरण है और इस प्रकार उसे अमर बना देता है। इसके उद्घाटन के बाद से, सभी श्रद्धांजलि समारोह केवल राष्ट्रीय समर स्मारक में आयोजित किए जाते हैं, जिनमें राष्ट्रीय दिवस भी शामिल हैं। भारतीय सशस्त्र बलों के शहीद सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करने के लिए विदेशों से आए हुए प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति और प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय समर स्मारक का दौरा करते रहे हैं। अमरीका की नौसेना के सचिव श्री कार्लोस डेल टोरो; फ्रांस के सशस्त्र बलों के मंत्री श्री लेकोर्नु सेबस्टियन और मंगोलियाई रक्षा मंत्री जनरल सैखानबयार गुरसेद उन विदेशी गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल राष्ट्रीय समर स्मारक का दौरा किया था।
राष्ट्र निर्माण कार्यक्रम
प्रतिष्ठित राष्ट्रीय समर स्मारक राष्ट्रीय एकता के लिए एक पहल को बढ़ावा देता है और राष्ट्र निर्माण की भावना को उत्साहित करने हेतु कार्यक्रम आयोजित करने के उद्देश्य से एक मंच प्रदान करता है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा स्टेज शो ‘कारगिल: एक शौर्य गाथा’ और ललित कला अकादमी द्वारा ‘शौर्य गाथा’ विषय पर पेंटिंग प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में दर्शकों ने हिस्सा लिया। ओलंपियन और राष्ट्रीय खेल तथा साहसिक पुरस्कार विजेताओं सहित अन्य प्रख्यात खिलाड़ियों ने अपनी तरफ से सम्मान प्रकट करने के लिए राष्ट्रीय समर स्मारक का दौरा किया।
एक राष्ट्रीय स्मारक के रूप में राष्ट्रीय समर स्मारक के महत्व एवं विशिष्टता को मान्य करते हुए प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान – पद्म पुरस्कार, ललित कला और संगीत कला अकादमी पुरस्कार तथा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त करने वालों ने शहीद सैनिकों को अपनी तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पिछले एक साल में स्मारक का दौरा किया है।